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स्कूल व कॉलेजों की अस्थायी मान्यता पर रोक की तैयारी
रांची : राज्य में स्थापना अनुमति प्राप्त (अस्थायी मान्यता) हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों के रिजल्ट की समीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल करेगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस संबंध में झारखंड एकेडमिक काउंसिल को पत्र भेज दिया है. विभाग की ओर से जैक काे स्थापना अनुमति प्राप्त हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों की रिजल्ट की समीक्षा […]
रांची : राज्य में स्थापना अनुमति प्राप्त (अस्थायी मान्यता) हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों के रिजल्ट की समीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल करेगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस संबंध में झारखंड एकेडमिक काउंसिल को पत्र भेज दिया है.
विभाग की ओर से जैक काे स्थापना अनुमति प्राप्त हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों की रिजल्ट की समीक्षा करने को कहा है. विभाग ने शिक्षण संस्थानों को स्थापना अनुमति देने की प्रक्रिया पर रोग लगाने की बात कही है. विभाग द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त संख्या में हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय खोले गये हैं. ऐसे में विद्यालयों को स्थापना अनुमति देने पर रोक लगाने की आवश्यकता है. विभाग ने मैट्रिक की परीक्षा के साथ-साथ इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से पूरा करने का निर्देश दिया है. राज्य में अब तक मैट्रिक परीक्षा का फॉर्म ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से भेजा जाता था. अब इंटरमीडिएट परीक्षा फाॅर्म भी जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से ही भरा जायेगा. विभाग ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षाफल में सुधार को लेकर पूर्व में दिये गये दिशा-निर्देश का पालन करने को कहा है.
आधार से जोड़ा जाये पंजीयन
विभाग ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है. परीक्षार्थियों का पंजीयन आधार से जोड़ने को कहा है. पंजीयन को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया हर हाल में सुनिश्चित कराने को कहा गया है. विभाग ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल की परीक्षा प्रणाली में सुधार करने को कहा है. इसके लिए परीक्षा नियमावली में सुधार किया जायेगा. विभाग ने परीक्षा नियमावली में सुधार की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार से इसकी अनुमति लेने को कहा है. विभाग द्वारा गत वर्ष विद्यालयों में लागू किये गये एसओपी को प्रभावी तरीके से लागू करने को कहा गया है.
खराब रिजल्ट पर बनायी थी कमेटी
मैट्रिक व इंटर परीक्षा 2017 के रिजल्ट खराब होने के बाद शिक्षा सचिव से सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी की बैठक बुलायी थी. बैठक में डीइओ ने कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा लेने, मैट्रिक-इंटर की परीक्षा मार्च के प्रथम सप्ताह में शुरू करने, टेस्ट लेने समेत अन्य कई सुझाव दिये थे. इसके बाद शिक्षा सचिव ने रिजल्ट में सुधार के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपाेर्ट के आधार पर विभाग ने रिजल्ट में सुधार के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है.
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