#चारा घोटाला जैसा है रांची का #कचरा घोटाला, A2Z ने स्कूटर, ऑटो, कार और बस से ढोया कचरा
रांची : अविभाजित बिहार में सबसे बड़ा घोटाला हुआ था, चारा घोटाला. उस घोटाले का केंद्रबिंदु झारखंड क्षेत्र था. चारा घोटाला की तर्ज पर ही झारखंड की राजधानी रांची में एक बड़ा घोटाला हुआ है. सरकार के खजाने का हिसाब रखनेवाले सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में रांची नगर निगम में ‘कचरा घोटाला’ का खुलासा किया […]
रांची : अविभाजित बिहार में सबसे बड़ा घोटाला हुआ था, चारा घोटाला. उस घोटाले का केंद्रबिंदु झारखंड क्षेत्र था. चारा घोटाला की तर्ज पर ही झारखंड की राजधानी रांची में एक बड़ा घोटाला हुआ है. सरकार के खजाने का हिसाब रखनेवाले सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में रांची नगर निगम में ‘कचरा घोटाला’ का खुलासा किया है.
सीएजी की रिपोर्ट से पता चलता है कि रांची नगर निगम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर कचरा ढोने में भारी अनियमितता बरती गयी. यह मामला चारा घोटाले जैसा ही है. तब खुलासा हुआ था कि गाय-भैसों को ढोने के लिए स्कूटर का इस्तेमाल किया गया था. मेसर्स ए-टू-जेड वेस्ट मैनेजमेंट रांची प्राइवेट लिमिटेड ने कचरे की ढुलाई में जिन वाहनों के नंबरों को रिपोर्ट में दर्शाया था, वे नंबर स्कूटर, कार, बस व ऑटो के थे.
ए टू जेड पर नगर निगम ने ठोंका 163 करोड़ का दावा
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि रांची के कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि रांची नगर निगम ने जून, 2011 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए मेसर्स ए-टू-जेड वेस्ट मैनेजमेंट रांची प्राइवेट लिमिटेड से करार किया था. सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि सॉलिड वेस्ट की ढुलाई स्कूटर, कार, बस और ऑटो से की गयी.
दूसरी तरफ, जांच में कई ऐसे वाहनों के नंबर भी मिले, जिन पर कोई वाहन पंजीकृत है ही नहीं. ए-टू-जेड ने अप्रैल, 2012 से सितंबर, 2013 तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत 78,633 टन कचरा की ढुलाई की. इसके बदले में निगम को करीब 23.54 करोड़ रुपये का बिल दिया. बिल मिलने के बाद निगम ने कंपनी को 4.72 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया.
ए टू जेड ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की सीएजी की ऑडिट से हुई करोड़ों की हेराफेरी की रिपोर्ट मिलने के बाद नगर निगम की सहायक लोक स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किरण कुमार ने पिछले दिनों कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करवा दी. उन्होंने नयी दिल्ली के शक्करपुर की ए-टू-जेड (रांची) लिमिटेड, नयी दिल्ली के नेताजी सुभाष पैलेस की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी मेसर्स टेट्राटेक और नवी मुंबई के बेलापुर स्थित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी एवं तकनीकी सहायक सेनेस कंसल्टेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कोे हेराफेरी का आरोपी बनाया गया है.