धर्मांतरण के खिलाफ हथियार भी उठाना पड़े, तो परहेज नहीं : केंद्रीय सरना समिति
रांची: केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि जब से आदिवासी क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों का आगमन हुआ है, तब से अशिक्षित, सीधे-सादे गरीब लोगों को टारगेट किया जा रहा है़ अंग्रेजों के जमाने में भी उतना धर्म परिवर्तन नहीं हुआ, जितना आजादी के 70 वर्षाें में हुआ है़. धर्म परिवर्तन […]
रांची: केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि जब से आदिवासी क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों का आगमन हुआ है, तब से अशिक्षित, सीधे-सादे गरीब लोगों को टारगेट किया जा रहा है़ अंग्रेजों के जमाने में भी उतना धर्म परिवर्तन नहीं हुआ, जितना आजादी के 70 वर्षाें में हुआ है़.
धर्म परिवर्तन से पूरे राष्ट्र को खतरा है़ .धर्मांतरण के विरुद्ध यदि हथियार भी उठाना पड़े, तो समिति परहेज नहीं करेगी़ सभी प्रखंड के पंचायत व गांवों में सरना समितियों का गठन कर धर्मांतरण के खिलाफ समाज को एकजुट करने का काम किया जायेगा़. वे कांके की हुंदूर पंचायत के चारी हुजीर गांव के अखड़ा में बैठक को संबोधित रहे थे़ इसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान पटेल पाहन ने की़.
बैठक में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को पूर्ण रूप से संचालित करने का निर्णय लेते हुए सरना समिति चारी हुजीर का गठन किया गया़ इसमें सिकंदर मुंडा अध्यक्ष, मुनेश्वर मुंडा व निखिल मुंडा उपाध्यक्ष, दिनेश मुंडा महासचिव, देवनाथ मुंडा सचिव, महेश पाहन सह सचिव, रामलखन मुंडा कोषाध्यक्ष व मतलू पाहन उपकोषाध्यक्ष बनाये गये है़ं मुखिया विनोद उरांव इसके संरक्षक होंगे़ इस अवसर पर संदीप उरांव, फूलचंद तिर्की, आकाश उरांव, प्रेमचंद उरांव, बहादुर उरांव, नरेश पाहन, विश्वास उरांव, डबलू मुंडा, संजय हेंब्रम व ग्रामीण मौजूद थे़