रांची: झारखंड किसान सेवा संघ ने सात से नौ अगस्त तक खाद-बीज के सभी दुकानें बंद करने के निर्णय लिया है. बीज विक्रेताओं ने आरोप लगाया कि वे आधुनिक एवं उच्च कोटि के बीज, खाद एवं कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति करते हैं. राज्य कृषि उत्पादन में निरंतर वृद्धि कर रहा है. इसके बावजूद राज्य सरकार उन्हें बेवजह परेशान कर रही है.
संघ ने आरोप लगाया कि पिछले तीन माह से दुकानों पर अनावश्यक रूप से छापेमारी की जा रही है. कई दुकानों और गोदामों की सील कर दिया गया है. बिना किसी शिकायत के कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है. अनुज्ञप्ति रद्द या निलंबित कर दी जा रही है. संघ के अध्यक्ष आनंद कोठारी, उपाध्यक्ष नीरज कुमार व महासचिव मनोज सिंह ने कहा कि कार्रवाई करने के दौरान अधिनियम का भी पालन नहीं किया रहा है. अधिनियम में सीड जांच का सैंपल सीड इंस्पेक्टर ही ले सकता है.
इसकी जांच राज्य के सीड टेस्टिंग लैब में होना है. बीज अमानक पाये जाने पर ही कार्रवाई का प्रावधान है. कृषि विभाग इस नियम का पालन नहीं कर रहा है. ऐसे में जिन दुकानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उसे वापस लिया जाना चाहिए.
प्रतिदिन के हिसाब से भंडार रखने का निर्देश अव्यावहारिक : संघ के सदस्यों ने कहा कि दुकानदारों को प्रतिदिन का हिसाब और भंडार रखने का निर्देश दिया जा रहा है. यह अव्यावहारिक है. इस तरह परेशान करने से किसानों को उनकी मांग के अनुसार बीज उपलब्ध कराना संभव नहीं है. बीज अधिनियम के तहत यह अनिवार्यता नहीं है कि राज्य में वही बीज की बिक्री होगी, जिसे बेचने के लिए कृषि विभाग द्वारा लाइसेंस व अनुमति निर्गत किया गया है. संघ ने राज्य सरकार से कहा है कि छापेमारी सक्षम अधिकारियों से करायी जाये. महीनों से पेंडिंग बीज एवं खाद बिक्री की अनुमति तुरंत दी जाये. 15 दिनों के अंदर लाइसेंसों का नवीकरण किया जाये.