रांची : इस राज्य में धर्मांतरण के कितने मामले हैं. देश जब से आजाद हुआ तब से लेकर अबतक किस धर्म के लोगों की संख्या बढ़ी है. राज्य को बने हुए 16 साल हो गये जबरन धर्मपरिर्तन के कितने मामले अबतक सामने आये हैं. धर्मांतरण विधेयक लाने के पहले सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए. झारखंड विकास मोरचा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज प्रेस कॉन्फेंस कर पत्रकारों के सामने विधेयक के कई नियमों का विरोध किया.
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धर्मांतरण पर पहले आंकड़े पेश करे, फिर कानून लाये सरकार : बाबूलाल
रांची : इस राज्य में धर्मांतरण के कितने मामले हैं. देश जब से आजाद हुआ तब से लेकर अबतक किस धर्म के लोगों की संख्या बढ़ी है. राज्य को बने हुए 16 साल हो गये जबरन धर्मपरिर्तन के कितने मामले अबतक सामने आये हैं. धर्मांतरण विधेयक लाने के पहले सरकार को इन सवालों का जवाब […]
उन्होंने कहा, इस विधेयक में जिक्र है कि अगर कोई अपना धर्म बदलता है तो इसकी जानकारी लिखित में उपायुक्त को देनी होगी अगर कोई इसकी जानकारी नहीं देगा तो चार साल तक सजा होगी. यह तो गलत है, प्रभात खबर डॉट कॉम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के इतर भी बाबूलाल मरांडी से बात की. उन्होंने कहा, जहां अबतक जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने नहीं आया. वहां ऐसे कानून की जरूरत क्या है. मरांडी ने संविधान का उल्लेख करते हुए इसे अधिकारों का हनन बताया.
विपक्ष की एकजुटता पर कहा, हम सब साथ हैं
बाबूलाल मरांडी से प्रभात खबर डॉट कॉम ने जब विपक्ष के बिखराव पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, हम सब साथ हैं हम अलग नहीं है. जरूरत पड़ेगी तो हम सब एक साथ आयेंगे. हालांकि उन्होंने हर एक पार्टी के अलग- अलग मुद्दे पर सरकार को घेरने के सवाल पर कुछ नहीं बोले. बाबूलाल मरांडी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कांग्रेस ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखा था.
जिसमें कई मुद्दों पर सरकार को घेरने और विधानसभा घेराव की तैयारियों की जानकारी दी गयी. अलग- अलग समय पर हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़े करते हैं. सूत्रों की मानें तो आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस को आयोजित करने के पीछे योजना थी कि राज्य सरकार तक एक संदेश पहुंचाया जाए कि विपक्ष एकजुट है .
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