रांची : झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा चौक के पास कांग्रेस का मंच टूट गया, जिससे प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, भूतपूर्व सांसद सुबोध कांत सहाय,पूर्व विधायक फुरकान अंसारी समेत कई बड़े नेता बाल-बाल बच गये. झारखंड के नये प्रभारी आरपीएन सिंह के कमान संभालने के बाद यह प्रदेश कांग्रेस का पहला कार्यक्रम था.
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन, किसानों द्वारा आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाओं और गिरती विधि-व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेसका विधानसभा घेराव का कार्यक्रम था.इससेपहले बिरसा चौक पर एक बड़ी जनसभाहोनी थी, जिसे राज्य के बड़े नेता संबोधित करनेवालेथे.
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कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पार्टी द्वारा बनाया गया मंच गिर गया. इसलिए कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. राज्य के अलग-अलग जिलों से कांग्रेस के कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रांची पहुंचे. हालांकि, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिल कर उनके कार्यकर्ताओं को रांची आने से रोका गया.
इरफान ने दावा किया कि बड़ी संख्या में लोग वाहनों से रांची आ रहे हैं. अलग-अलग जगहों पर भाजपा कार्यकर्ता उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आंदोलन को विफल करने के लिए राज्य की मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है, लेकिन भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद उनका कार्यक्रम सफल होगा.
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इरफान अंसारी ने दावा किया कि ओरमांझी में भाजपा समर्थकों ने पुलिस की मदद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ला रहे सात वाहनों को जबरन रोक दिया. उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में इस मुद्दे को उठायेंगे. लेकिन, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को रद्द करने व कुछ अन्य मांगों के समर्थन में विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर देनी पड़ी.
बहरहाल, कांग्रेस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम की रूपरेखा खुद आरपीएन सिंह ने तय की थी. वह खुद इसकी मॉनिटरिंग भी कर रहे थे. जिलाध्यक्ष से लेकर प्रखंड स्तर के और राज्य के बड़े नेताओं तक से संपर्क में थे. कांग्रेस के पदाधिकारी और नेता भी अपनी ताकत दिखाने में जुटे थे.
कांग्रेस की योजना विधानसभा घेरने की थी. इसलिए पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी. भारी संख्या में पुलिस बल को बिरसा चौक पर तैनात कर दिया गया था, ताकि कोई विधानसभा की ओर न बढ़ सके.