सुनवाई: हाइकोर्ट ने संबंधित पक्षों को दिया निर्देश, जुलाई 2018 तक बनवाएं रांची-जमशेदपुर एनएच

झारखंड हाइकोर्ट ने जुलाई 2018 तक रांची-जमशेदपुर मार्ग (एनएच-33 के 128 किमी तक की सड़क) का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इसके लिए एनएचएआइ, ठेकेदार, झारखंड सरकार व बैंक को आपस में बैठ कर सभी दिक्कतों का हल निकालने और शपथपत्र के माध्यम से इसकी जानकारी देने का निर्देश भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2017 7:49 AM
झारखंड हाइकोर्ट ने जुलाई 2018 तक रांची-जमशेदपुर मार्ग (एनएच-33 के 128 किमी तक की सड़क) का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इसके लिए एनएचएआइ, ठेकेदार, झारखंड सरकार व बैंक को आपस में बैठ कर सभी दिक्कतों का हल निकालने और शपथपत्र के माध्यम से इसकी जानकारी देने का निर्देश भी दिया है.
रांची: रांची-जमशेदपुर मार्ग (एनएच-33) के निर्माण कार्य के मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस अपरेश सिंह और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने की. इस दौरान खंडपीठ ने टिप्पणी की, ‘हम तकनीकी विशेषज्ञ नहीं है. हम सिर्फ यही चाहते हैं कि इस सड़क का निर्माण समय पर हो, ताकि आमलोगों को परेशानी से निजात मिले. इसमें जो भी समस्याएं आ रही हैं, उन्हें सभी मिलकर दूर करें.’ मामले पर अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी. सुनवाई के दौरान सड़क का निर्माण करा रही रांची एक्सप्रेस वे कंपनी के एमडी, राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और एनएचएआइ के परियोजना सचिव अदालत में मौजूद थे.
संशोधन कर बनाया गया है नया प्रोजेक्ट : एमडी
रांची एक्सप्रेस वे के एमडी ने अदालत को बताया गया कि पहले इस सड़क का निर्माण जून 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें संशोधन कर नया प्रोजेक्ट बनाया गया है. इसके तहत जुलाई 2018 तक 128 किमी सड़क का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा. सड़क की कुल लंबाई 163 किमी है. 128 किमी में किसी प्रकार का विवाद नहीं है. शेष में जमीन अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लियरेंस का मामला अभी फंसा है. इस पर कोर्ट ने 128 किमी तक सड़क निर्माण का काम जुलाई 2018 तक पूरा करने को कहा.
सड़क निर्माण में आर्थिक कमी नहीं : एनएचएआइ
एनएचएआइ की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सड़क निर्माण में किसी प्रकार की आर्थिक कमी न हो, इसके लिए बैंक और वित्तीय संस्थानों से बात हुई है. सभी इसके लिए राशि देने पर सहमत हैं. पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी. इस पर कोर्ट ने सभी पक्षों को आपस में बैठ कर समस्याओं को दूर कर कोर्ट में 22 अगस्त तक शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया.

Next Article

Exit mobile version