कैबिनेट का फैसला : अब नीलाम नहीं होंगे झारखंड के बालू घाट

रांची : झारखंड सरकार ने बालू घाटों की नीलामी पर पाबंदी लगा दी है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित फैसले लिये गये. बैठक में राज्य बालू खनन नियमावली-2017 को मंजूरी दे दी गयी. इसके तहत बालू घाटों को दो श्रेणी में बांटा गया है. छोटे बालू घाटों का इस्तेमाल निजी कार्यों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 7:52 AM
रांची : झारखंड सरकार ने बालू घाटों की नीलामी पर पाबंदी लगा दी है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित फैसले लिये गये. बैठक में राज्य बालू खनन नियमावली-2017 को मंजूरी दे दी गयी. इसके तहत बालू घाटों को दो श्रेणी में बांटा गया है.
छोटे बालू घाटों का इस्तेमाल निजी कार्यों के लिए होगा. वहीं, बड़े बालू घाटों का इस्तेमाल व्यावसायिक कार्यों के लिए किया जा सकेगा. यह नीति फिलहाल उन 170 बालू घाटों पर प्रभावी होगी, जिनकी बंदोबस्ती नहीं की गयी है. 440 बालू घाटों पर यह नीति बंदोबस्त की अवधि समाप्त होने के बाद प्रभावी होगी. छोटे बालू घाटों का संचालन पंचायत या स्थानीय निकाय की ओर से किया जायेगा.
इन घाटों से निकाले गये बालू का इस्तेमाल निजी और सामुदायिक कार्यों के लिए किया जा सकेगा. सरकार की योजनाओं के लिए भी इन घाटों के बालू का इस्तेमाल होगा. हालांकि, सरकार के जिन कार्यों में ठेकेदारों को खनिजों के मूल्य के भुगतान का प्रावधान है, उनमें छोटे घाटों के बालू का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
बड़े बालू घाटों का व्यावसायिक इस्तेमाल : बड़े बालू घाटों का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा सकेगा. लेकिन, उनकी नीलामी नहीं होगी. बड़े बालू घाटों का प्रबंधन झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) की ओर से किया जायेगा. जेएसएमडीसी ही खनन के लिए एजेंसी का चयन करेगी. एजेंसी का काम बालू निकाल कर जेएसएमडीसी की ओर से निर्धारित जगह पर जमा करना होगा.
इसकी बिक्री जेएसएमडीसी ऑनलाइन करेगी. राज्य सरकार इसका मूल्य निर्धारित करेगी. बालू खरीदनेवाले को निर्धारित दर से ऑनलाइन भुगतान करना होगा. इसके बाद उसे परमिट और चालान दिया जायेगा. चालान और परमिट लेकर जेएसएमडीसी के पास जाने पर संबंधित व्यक्ति को बालू उपलब्ध करा दिया जायेगा. ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था बालू खरीदनेवाले को खुद करनी होगी. जेएसएमडीसी को इस काम के बदले 15 प्रतिशत एजेंसी चार्ज के रूप में दिया जायेगा. बालू की बिक्री में खनन की लागत और एजेंसी चार्ज के भुगतान के बाद बची शेष राशि सरकारी खजाने में जमा कर दी जायेगी.
जिला स्तर पर होगा सर्वे : जेएसएमडीसी को बड़े बालू घाटों के संचालन का काम पांच वर्षों के लिए दिया जायेगा. बालू घाटों का वर्गीकरण जिला स्तर पर सर्वेक्षण के बाद किया जायेगा. सर्वेक्षण के आधार पर छोटे और बड़े बालू घाटों का क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारण किया जायेगा. बालू की बिक्री आदि के पूरे काम को जीपीएस व सीसीटीवी से मॉनिटर किया जायेगा.
इनसेंटिव के लिए ऑनलाइन आवेदन : कैबिनेट ने फिल्म व उद्योग सहित विभिन्न प्रकार की नीतियों के माध्यम से दिये जानेवाले इनसेंटिव के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था की है.
पहले अलग-अलग नीतियों के लिए निर्धारित इनसेंटिव या सब्सिडी के लिए अलग-अलग जगह आवेदन करने की जरूरत पड़ती थी. अब किसी भी नीति के तहत इनसेंटिव या अनुदान लेने के लिए उद्योग विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा. यह प्रावधान 19 अगस्त से लागू होगा.
क्लीयरेंस के लिए एक ही जगह आवेदन : कैबिनेट ने निवेश सहित विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए क्लीयरेंस लेने को लेकर एक ही स्थान पर आवेदन करने का प्रावधान किया है. इसके तहत किसी भी तरह के क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम में एक ही परफार्मा में आवेदन करना होगा और फीस जमा करनी होगी. फीस जमा करने के लिए नया शीर्ष खोलने की भी अनुमति प्रदान की गयी है.
सिनेमा रेगुलेशन रूल में संशोधन : कैबिनेट ने 21 पॉवर ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण और ट्रांसमिशन लाइन के काम के लिए 5180.86 करोड़ रुपये की योजना पर सहमति दी है.
आरइसी को इस काम के लिए बिड कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. कैबिनेट ने सिनेमा रेगुलेशन रूल में संशोधन किया है. स्थायी और अस्थायी सिनेमा हॉलों के लिए लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है. 200 सीट वाले स्थायी सिनेमा हॉल को लाइसेंस फीस के लिए 150 के बदले 1500 रुपये और अस्थायी सिनेमा हॉल को 300 के बदले 3000 रुपये देने होंगे.
कैबिनेट के अन्य फैसले
मानगो अधिसूचित क्षेत्र को नगर निगम और जुगसलाई नगरपालिका को नगर परिषद बनाने का फैसला
20 स्किल डेवलपमेंट सेंटर को उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय
रामगढ़ के गोला प्रखंड में निर्मित आइटीआइ भवन को एमएसएमइ टूल रूम के लिए उद्योग विभाग को हस्तांतरित करने पर सहमति
सांस्कृतिक व क्रीड़ा निदेशालय को विभाग के संलग्न कार्यालय के रूप में मान्यता
छोटे बालू घाट
पंचायत या स्थानीय निकाय को संचालन की जिम्मेदारी
बालू का प्रयोग निजी व सामुदायिक कार्यों में
इन घाटों की नीलामी नहीं
बड़े बालू घाट
जेएसएमडीसी के माध्यम से एजेंसी करेगी संचालन
बिक्री जेएसएमडीसी ऑनलाइन करेगी
ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था बालू खरीदनेवाले को खुद करनी होगी

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