बिहार-झारखंड में उत्पात मचाने वाले हाथी को मारनी पड़ी गोली

रांची : साहेबगंज में अब तक 11 लोगों को मार चुके हाथी को हंटर नवाब शहफत अली खान ने मार डाला. वन विभाग ने हाथी को मारने का आदेश दे दिया था. वन विभाग ने पिछले तीन दिनों से हाथी को पकड़ने का प्रयास किया. इसमें हंटर नवाब शहफत अली खान सहित वन विभाग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 11:19 AM
रांची : साहेबगंज में अब तक 11 लोगों को मार चुके हाथी को हंटर नवाब शहफत अली खान ने मार डाला. वन विभाग ने हाथी को मारने का आदेश दे दिया था. वन विभाग ने पिछले तीन दिनों से हाथी को पकड़ने का प्रयास किया. इसमें हंटर नवाब शहफत अली खान सहित वन विभाग के अधिकारियों को परेशानी हुई.
राज्य के मुख्य वन्य प्रतिपालक लाल रत्नाकर सिंह ने हाथी को मारने का आदेश जारी किया था. श्री सिंह ने बताया कि साहेबगंज के जिस इलाके में हाथी था. उसकी भौगोलिक स्थिति काफी मुश्किल थी. हाथी को देखने मुश्किल हो रहा था. ऐसे में उसको ट्रैंकुलाइज करना ज्यादा मुश्किल था. इसको भगाने से लिए बांकुड़ा की टीम बुलायी गयी थी, लेकिन हाथी उन लोगों से भी डर नहीं रहा था. आग और पटाखा से भी नहीं भाग रहा था. ऐसे में लोगों की जान बचाने के लिए इसको मारना ही अंतिम विकल्प था.
बिहार से भटकर यहां आ गया था
साहेबगंज में यह हाथी बिहार से भटक कर आया था. 22 अप्रैल से अब तक तक पहाड़िया जनजाति के 11 लोगों को मार चुका था. तीन लोगों को घायल कर चुका था. जानमाल की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने उच्च स्तरीय टीम का गठन किया था. टीम ने 25 जुलाई को अपनी रिपोर्ट राज्य के मुख्य वन प्रतिपालक को दी थी. इसमें तीन उपाय बताये थे.
नौ साल पहले भी मारा गया था एक हाथी
झारखंड में सरकार की अनुमति से 2008 में एक हाथी को मारा गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने किसी जानवर को मारने की अनुमति नहीं दी है. वहीं बिहार सरकार पिछले तीन-चार वर्षों में तीन हाथियों को मरवा चुकी है.
मैंने अब तक 25 ऑपरेशन किये हैं. यह अब तक का सबके कठिन ऑपरेशन था. दो बार तो हम लोगों को पर हमला कर चुका था. रात में वह गांव में आ जाता था. दिन में जंगलों में चला जाता था. नवाब शहफत अली खान, हंटर

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