झारखंड विधानसभा से पास धर्मांतरण विरोधी कानून की 7 खास बातें

रांची : किसी को लालच देकर या डरा-धमका कर अब उसका धर्म परिवर्तन करना मुश्किल होगा. यदि किसी ने ऐसा करने की हिमाकत की, तो उसके लिए झारखंड सरकार बेहद सख्त कानून लायी है. छह-सात राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानून का अध्ययन करने के बाद बनाये गये झारखंड सरकार के कानून में जबरन धर्म परिवर्तन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 4:29 PM

रांची : किसी को लालच देकर या डरा-धमका कर अब उसका धर्म परिवर्तन करना मुश्किल होगा. यदि किसी ने ऐसा करने की हिमाकत की, तो उसके लिए झारखंड सरकार बेहद सख्त कानून लायी है. छह-सात राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानून का अध्ययन करने के बाद बनाये गये झारखंड सरकार के कानून में जबरन धर्म परिवर्तन करानेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. जानें, विधेयक में क्या-क्या प्रावधान किये गये हैंः

‘झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017’केक्या हैं प्रावधान

  1. बलपूर्वक, लालच देकर अथवा कपटपूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन कराने पर3 साल की सजाऔर 50 हजार रुपये जुर्माना.
  2. महिला, एसटी, एससी के मामले में4 साल की सजा या1 लाख रुपये जुर्माना या दोनोंसजासंभव.
  3. धर्म परिवर्तन के लिए अब डीसी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
  4. बिना पूर्व अनुमति के किया गया धर्मांतरण अब अवैध माना जायेगा. धर्मांतरण के लिए होनेवाले संस्कार या समारोह के आयोजन के लिए भी सूचना देकर जिला उपायुक्तों से पहले अनुमति लेनी होगी.
  5. कानून बन जाने के बाद गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराना संज्ञेय अपराध माना जायेगा और यह गैर जमानती होगा.
  6. धर्मांतरण निषेध अधिनियम के अधीन के अपराध के लिए कोई भी अभियोजन डीसी या उनकी अनुमति से एसडीओ या प्राधिकृत अधिकारी ही देंगे.
  7. स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन पर रोक नहीं है,लेकिन स्थानीय प्रशासन को अनिवार्य रूप से शपथ पत्र देकर इसकी सूचना डीसी को देनी होगी. उसे बताना होगा कि वह कहां, किस समारोह में और किन लोगों के समक्ष धर्मांतरण करा रहे हैं.

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