तिरुवनंतपुरम/रांची : केरल राज्य साक्षरता अभियान प्राधिकरण ने प्रवासी मजदूरों को मलयालम सिखाने के लिए पाठ्यपुस्तक ‘हमारी मलयालम’ का विमोचन किया. मलयालम राज्य की मातृभाषा है. राज्य सरकार की इस पहल से पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, तमिलनाडु सहित अन्य स्थानों से केरल आये करीब 25 लाख प्रवासी मजदूरों को मदद मिलने की उम्मीद है.
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राज्य के शिक्षा मंत्री रवींद्रनाथ ने एर्नाकुलम जिले के पेरम्बावूर में ‘हमारी मलयालम’ शीर्षकवाली पाठ्यपुस्तक का विमोचन किया. पेरम्बावूर में राज्य के सबसे अधिक प्रवासी मजदूर निवास करते हैं. साक्षरता अभियान की निदेशक पीएस श्रीकले ने कहा कि पुस्तक की मदद से प्रवासी मजदूर दैनिक जीवन में स्वतंत्रता एवं सहजता से स्थानीय लोगों से बातचीत कर पायेंगे. प्रवासी कामगारों के विशेष कार्यक्रम ‘चंगथि’ के तहत पाठ्यपुस्तक का इस्तेमाल किया जायेगा.
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श्रीकले ने कहा, ‘हमारा प्रमुख उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को मलयालम पढ़ने और लिखने में सक्षम बनाना है.’ उन्होंने कहा कि हालांकि प्रवासी मजदूरों की राज्य के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन अब भी वे सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य उन्हें मलयालम सिखाकर, उनके सामाजिक बहिष्कार का अंत करना है.’