उन्होंने कहा कि राज्य के जनजातीय लोगों का सबसे अधिक चर्च की ओर से ही धर्मांतरण कराया गया. चर्च ने झारखंड को चारागाह बनाने का काम किया है. अनुसूचित जाति व जनजाति की सामाजिक व आर्थिक उन्नति की रक्षा के लिए बड़े कानून की आवश्यकता है. सरकार की तरफ से मसना स्थल की घेराबंदी की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कई जगहों पर इसका शिलान्यास भी किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने विकास की चिंता की है. इस मौके पर दीपक प्रकाश, दीनदयाल वर्णवाल, प्रतुल शाहदेव आदि मौजूद थे.
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धर्मांतरण करनेवालों को नहीं मिले आरक्षण का लाभ, बोले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत
रांची: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा है कि झारखंड सरकार ने धर्मांतरण बिल लाकर बेहतर काम किया है. राज्य में धर्मांतरण करनेवाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. राज्य में धर्म परिवर्तन कराने वाले ही नौकरी से लेकर शिक्षा तक में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. पूर्व मंत्री कार्तिक […]
रांची: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा है कि झारखंड सरकार ने धर्मांतरण बिल लाकर बेहतर काम किया है. राज्य में धर्मांतरण करनेवाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. राज्य में धर्म परिवर्तन कराने वाले ही नौकरी से लेकर शिक्षा तक में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. पूर्व मंत्री कार्तिक उरांव ने भी 80 के दशक में आरक्षण का लाभ धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों को नहीं देने की मांग की थी. आज भी सरना धर्मावलंबी उसी मांग पर अडिग हैं, क्योंकि सरना धर्म माननेवाले लोग आज भी शोषित, पीड़ित और आर्थिक रूप से कमजोर हैं. श्री भगत गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण राज्य की सबसे बड़ी समस्या रही है. जनजातीय समाज पर धर्मांतरण का खामियाजा सबसे अधिक पड़ा है. इससे उनकी संस्कृति व परंपरा प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर सबसे अधिक ईसाई धर्म के लोगों की आबादी बढ़ी थी. ईसाइयों की जनसंख्या 29.74 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है.
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