बालू की ट्रांसपोर्टिंग की जांच नहीं करेगी पुलिस

रांची : झारखंड में बालू, पत्थर समेत सभी माइनर मिनरल के परिवहन की जांच अब पुलिस नहीं करेगी. इनकी जांच का अधिकार जिला खनन पदाधिकारी, अनुमंडल अधिकारी व अंचलाधिकारी को दिया गया है. क्षेत्र में अवैध खनन व परिवहन होने की स्थिति में संबंधित पदाधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जायेगी. पुलिस पदाधिकारी अवैध खनन से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2017 2:36 AM
रांची : झारखंड में बालू, पत्थर समेत सभी माइनर मिनरल के परिवहन की जांच अब पुलिस नहीं करेगी. इनकी जांच का अधिकार जिला खनन पदाधिकारी, अनुमंडल अधिकारी व अंचलाधिकारी को दिया गया है. क्षेत्र में अवैध खनन व परिवहन होने की स्थिति में संबंधित पदाधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जायेगी. पुलिस पदाधिकारी अवैध खनन से संबंधित सिर्फ सूचनाएं एकत्रित कर साप्ताहिक रिपोर्ट संबंधित पदाधिकारियों को देंगे. राज्य सरकार की प्रवक्ता सह कार्मिक सचिव निधि खरे ने बताया, अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम में हमेशा एक सेक्शन फोर्स तैनात करने का निर्देश जिलों के पुलिस अधिकारियों को दिया गया है. जरूरत पड़ने पर पुलिस बल संबंधित पदाधिकारियों की मदद करेगा.
टास्क फोर्स की बैठक : उन्होंने बताया, अवैध खनन को रोकने के लिए जिला व राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की बैठक महीने में एक बार होगी.
राज्य स्तर पर गठित टास्क फोर्स की बैठक तीन माह में होगी. अवैध बालू व पत्थर के उत्खनन और परिवहन को लेकर विधि व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. कहीं कोई बड़ी घटना भी घट सकती है. इस वजह से जिला माइनिंग पदाधिकारी, अनुमंडल अधिकारी और अंचलाधिकारी को अत्याधिक सक्रिय रह कर इसे रोकने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक अपेक्षित बल उपलब्ध करायेंगे.
आइजी अभियान ने दिये जिलों के एसपी को निर्देश
आइजी अभियान ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को पत्र लिख कर निर्देश दिया है कि बालू सहित सभी प्रकार के माइनर मिनरल के परिवहन की चेकिंग पुलिस नहीं करे. खनन पदाधिकारी के सहयोग मांगने की स्थिति में आवश्यक जिला बल दिलाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये.

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