पांच वर्ष से ज्यादा समय से लंबित 50 मामलों की हर माह पड़ताल करेंगे एसपी

रांची : पांच वर्ष से ज्यादा समय से लंबित मामलों के निबटारे के लिए हर जिले के एसपी को विभाग की ओर से टास्क दिया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे हर माह 50 लंबित मामलों को तलाशें और उन्हें कोर्ट में पेश करें. मामले से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं का डाटा बेस तैयार करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2017 7:29 AM
रांची : पांच वर्ष से ज्यादा समय से लंबित मामलों के निबटारे के लिए हर जिले के एसपी को विभाग की ओर से टास्क दिया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे हर माह 50 लंबित मामलों को तलाशें और उन्हें कोर्ट में पेश करें. मामले से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं का डाटा बेस तैयार करने की जवाबदेही सीआइडी को और चिकित्सकों की गवाही के लिए डाटा तैयार करने काम स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया है, ताकि अनुसंधानकर्ताओं और चिकित्सकाें की गवाही समय पर करायी जा सके.

लंबित मामलों के निपटारे की शुरुआत रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, रामगढ़ सहित 10 जिलों से की जायेगी. ये वैसे जिले हैं, जहां पांच साल पुराने तीन हजार से आठ हजार मामले लंबित हैं. जिलों के विभिन्न कोर्ट में एपीपी की कमी से भी लंबित मामलों के निपटारे में परेशानी होती है. इसको देखते हुए उक्त जिलों में एपीपी की नियुक्ति किये जाने का निर्देश पिछले दिनों कोर्ट के स्तर पर गृह विभाग को दिया गया था.
डीएसपी के नेतृत्व में बनेगी टास्क फोर्स
लंबित मामलों को लेकर जिलों में डीएसपी के नेतृत्व में टास्क फोर्स बनाने के लिए कहा गया है. डीएसपी के सहयोग के लिए एक इंस्पेक्टर, एक दरोगा और एक एएसआइ को प्रतिनियुक्त करने को कहा गया है. यह शुरुआत धनबाद और जमशेदपुर जिले से होगी. टास्क फोर्स को मामलों से जुड़े दस्तावेज संग्रह के लिए फैक्स, स्कैनर और इंटरनेट आदि की सुविधा दी जायेगी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट करना होगा ऑनलाइन : अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट को फॉरेंसिक लेबोरेटरी की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा, ताकि मामले के निपटारे के दौरान रिपोर्ट पर अनुसंधानकर्ता और एपीपी डिस्कस कर सकें.
किस जिले में कितने मामले हैं लंबित
रांची 8335
जमशेदपुर 5664
धनबाद 9254
बोकारो 5006
हजारीबाग 5365
गिरिडीह 5419
गढ़वा 5910
देवघर 4873
गोड्डा 4453
रामगढ़ 3098

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