इटखोरी: सड़क किनारे पांच घंटे तड़पता रहा मरीज
इटखोरी: कान्हाचट्टी के राजपुर गांव का बीमार मिट्ठू भुइयां बुधवार को एंबुलेंस के अभाव में पांच घंटे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सड़क के किनारे जमीन पर तड़पता रहा. इस दौरान उसके साथ मौजूद पत्नी पुतुल देवी व दो बच्चे बिक्रम व हरिओम पूरी तरह बेबस थे. जब इसकी सूचना एसडीओ नंद किशोर लाल […]
इटखोरी: कान्हाचट्टी के राजपुर गांव का बीमार मिट्ठू भुइयां बुधवार को एंबुलेंस के अभाव में पांच घंटे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सड़क के किनारे जमीन पर तड़पता रहा. इस दौरान उसके साथ मौजूद पत्नी पुतुल देवी व दो बच्चे बिक्रम व हरिओम पूरी तरह बेबस थे. जब इसकी सूचना एसडीओ नंद किशोर लाल व सीओ रंजीत लोहरा को दी गयी, तो आनन-फानन में मिट्ठू को पुनः भरती कराया गया. एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने पर परिजन किसी तरह उसे बाइक पर बैठा कर ले गये.
मिट्ठू भुइयां को टीबी है. पत्नी ने बताया, मंगलवार शाम को इलाज के लिए आये थे. रात भर अस्पताल में रहने के बाद सुबह घर जाने की बात कही गयी. वाहन के इंतजार में सुबह छह से 11 बजे तक सड़क के किनारे बैठे रहे, पर कोई साधन उपलब्ध नहीं कराया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ डीएन ठाकुर ने बताया कि एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है.
किसी भी मरीज को घर पहुंचाने का प्रावधान नहीं है. खाना केवल धातृ महिला को दिया जाता है. सिविल सर्जन एसपी सिंह ने बताया कि सभी मरीजों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकती है. विशेष परिस्थिति में घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा सकती है. हमलोगों को अलग से राशि नहीं मिलती है.
व्यवस्था ने इन मासूमों की भी छिन ली जिंदगी
06 अगस्त
गुमला सदर अस्पताल में दवा नहीं मिलने से ममरला गांव निवासी करण सिंह के आठ साल के बेटे की मलेरिया, टाइफाइड से मौत हो गयी. एंबुलेंस नहीं मिली, तो शव को कंधे पर लाद कर घर ले गया.
18 अगस्त
गुमला में सदर अस्पताल में भरती साल भर के बिफैया की मां के गोद में ही मौत हो गयी. उसे रिम्स रेफर किया गया था. पर रांची लाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे़ वह बच्चे को लेकर पैदल ही घर जा रही थी.
20 अगस्त
रिम्स में एक साल के श्याम का सीटी स्कैन नहीं हो सका, िपता के पास 50 रुपये कम थे. इस कारण उसका
इलाज शुरू नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी.