#TWITTER_WAR : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने ट्विटर पर क्यों छेड़ा सरयू राय को

रांची : ट्विटर पर सिर्फ आम लोग ही नहीं लड़ते. नेता भी भिड़ जाते हैं. कई बार अपनी ही पार्टी के नेता को इस खुले मंच से खरी-खोटी सुना देते हैं. झारखंड में भी ऐसा एक मामला देखने को मिला है. किसी भी मुद्दे पर अपनी ही सरकार की जबर्दस्त घेराबंदी करनेवाले विद्रोही तेवर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2017 11:01 PM

रांची : ट्विटर पर सिर्फ आम लोग ही नहीं लड़ते. नेता भी भिड़ जाते हैं. कई बार अपनी ही पार्टी के नेता को इस खुले मंच से खरी-खोटी सुना देते हैं. झारखंड में भी ऐसा एक मामला देखने को मिला है. किसी भी मुद्दे पर अपनी ही सरकार की जबर्दस्त घेराबंदी करनेवाले विद्रोही तेवर के नेता सरयू राय की व्यापारी से राज्यसभा सदस्य बने महेश पोद्दार ने ट्विटर पर जबर्दस्त घेराबंदी की. राज्य और केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इन दो बड़े नेताअों के ट्विटर वार में कुछ आमलोग और व्यवसायी भी शामिल हो गये. किसी ने सरयू राय को आईना दिखाने की कोशिश की, तो किसी ने इसे सुझाव देने का मौका बना लिया.

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हुआ यूं कि शनिवार (26 अगस्त, 2017) की सुबह 6.31 बजे राज्य के खाद्य आपूर्ति, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘राज्य भर में मेरे विभाग खाद्य सार्वजनिक वितरण, उपभोक्ता, मापतौल के काम से जुड़ी कोई शिकायत/सुझाव है, तो 1800 212 5512 पर फोन कर शिकायत करें, सुझाव दें.

इसके कई जवाब आये. किसी ने सरयू राय की इस पहल की प्रशंसा की, तो किसी ने पूछा कि शिकायत कहां करें. फोन पर ही या ऑनलाइन भी शिकायत कर सकते हैं. एक सज्जन ने सरयू राय को देश का सबसे अच्छा राजनेता बताने की कोशिश की. उन्होंने लिखा, ‘शायद ही देश में आपके जैसा कोई नेता हो.’

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वहीं, एक व्यक्ति ने सरयू राय द्वारा सुझाव या शिकायत के बारे में जानकारी देने की पहल को आइना दिखाया. लिखा, ‘मैंने दो बार अयोग्य राशन कार्डधारियों के संबंध में पत्र द्वारा आपको सूचित किया था, परंतु कोई कार्यवाई नहीं हुई.’

इसी बीच, झारखंड के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने सरयू राय के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी, ‘सिर्फ इतना पता कर लें कि माप-तौल के कानून में कोई सुधार दशकों में हुआ है? नहीं, तो करवाने का आग्रह. कैसे एक इंस्पेक्टर रोज इतने जांच कर लेता है.’ इस पर सरयू राय ने जवाब दिया, ‘माप-तौल केंद्रीय कानून है. इसे राज्य में लागू करने की प्रक्रिया सुधर रही है. विशेष अथवा सामान्य सुझाव आमंत्रित हैं.’

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इस पर श्री पोद्दार ने लिखा, ‘जी हां, सिर्फ छह लोग राज्य पर नियंत्रण कर रहे. कैसे कानून का पालन हो रहा है, सबको मालूम है. व्यापारी तो लाचार है. पर क्या सरकार भी? MVI (मोटर व्हिकल) में भी यही हाल.

इन दो नेताअों के ट्विटर वार में व्यवसायियों के पैरोकार और व्यापारी से राज्यसभा सांसद बने महेश पोद्दार को आरपी शाही का समर्थन मिला. शाही ने राज्य सरकार के मंत्री सरयू राय और महेश पोद्दार को टैग करते हुए लिखा, ‘माप-तौल विभाग के जो इंस्पेक्टर काम कर रहे हैं, वे सभी इंस्पेक्टर राज व्यवस्था के दौरान के हैं. कृपया सुधार के लिए नयी व्यवस्था का इजाद करें.’

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सरयू राय ने इसके जवाब में कहा कि सुधार की दिशा में कुछ काम हुए हैं. आपके सुझाव के अनुरूप सुधार की गुंजाइश है. खैर, हमारे 24 जिलों के लिए महज आधा दर्जन इंस्पेक्टर उपलब्ध हैं. इस पर श्री शाही ने मंत्रीजी को डिजिटल वजन मशीन या डिजिटल तराजू लगाने की व्यवस्था करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि मशीन को कैलिबरेट भी किया जा सकता है.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के बाद यही दोनों नेता सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं. आमतौर पर नेता ट्विटर का इस्तेमाल अपने कार्यक्रमों की जानकारी देने और अलग-अलग मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के सभी नेताअों और मंत्रियों से कहा है कि सरकार की जनोपयोगी योजनाअों की सूचना देने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करें.

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