मई 2018 में समाप्त हो जायेगी टेट के 50 हजार प्रमाण पत्रों की मान्यता
रांची : शिक्षक पात्रता परीक्षा 2013 में सफल 50,666 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता मई 2018 में समाप्त हो जायेगी. जबकि अभ्यर्थी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हाेने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग गत छह माह से प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली के संशोधन की तैयारी […]
रांची : शिक्षक पात्रता परीक्षा 2013 में सफल 50,666 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता मई 2018 में समाप्त हो जायेगी. जबकि अभ्यर्थी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हाेने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग गत छह माह से प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली के संशोधन की तैयारी में लगा है. लेकिन अभी तक विभागीय स्तर पर भी इसे स्वीकृति नहीं मिली है. राज्य गठन के बाद से अब तक आठ बार प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव किया जा चुका है, जबकि तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है.
पिछली शिक्षक नियुक्ति नियमावली वर्ष 2012 में बनायी गयी थी. जिसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति का प्रावधान किया गया था. नियमावली के आधार पर हुई सीधी नियुक्ति में जमकर गड़बड़ी हुई. सैकड़ों फरजी अभ्यर्थी शिक्षक बन गये. इसे देखते हुए विभाग ने फिर से नियमावली में संशाेधन का प्रस्ताव तैयार किया है. ऐसे में प्रक्रिया पूरी होने तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने की संभावना नहीं है. माना जा रहा है कि इन अभ्यर्थियों को अगली शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की संभावना काफी कम है. वर्ष 2013 की टेट में 22,850 अभ्यर्थी कक्षा एक से पांच व 43,514 अभ्यर्थी कक्षा छह से आठ की कोटि में सफल हुए थे. कक्षा एक से पांच में 12,486 व छह से आठ में 3,212 शिक्षकों की नियुक्ति हुई. ऐसे में कक्षा एक से पांच में 10,364 व छह से आठ के लिए सफल 40,302 टेट सफल अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र की मान्यता अगले वर्ष मई में समाप्त हो जायेगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की मान्यता पांच वर्ष के लिए होती है. इस तरह 2013 में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता 28 मई 2018 को समाप्त हो जायेगी. 2013 की शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल 66,364 अभ्यर्थियों में से 50,666 नियुक्ति प्रक्रिया शुरू के इंतजार में हैं.
10,799 शिक्षकों का पद सृजन
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुरूप राज्य के मध्य विद्यालयों में तीन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक का होना अनिवार्य है. राज्य गठन के बाद लगभग दस हजार प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय में अपग्रेड किया गया है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इन विद्यालयों में पद सृजन की प्रक्रिया भी शुरू की है.
राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 10,779 शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव प्रशासी पद वर्ग समिति को भेज दिया गया है. पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद हुई नियुक्ति में कक्षा छह से आठ में मात्र 3963 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. इसमें भी मात्र 3,212 शिक्षकों की नियुक्ति हुई. अब अपग्रेड मध्य विद्यालय में शिक्षकों के पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. राज्य में पहली बार मध्य विद्यालयों में इतनी अधिक संख्या में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों का पद सृजित किया जा रहा है.
18 हजार नियुक्ति हुई, 22 हजार की चल रही है प्रक्रिया : शिक्षा मंत्री
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि ढ़ाई वर्ष में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. 22 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. इतनी अधिक संख्या में पहले राज्य में कभी भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 16,349 व हाइस्कूल में 1719 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. प्लस टू उच्च विद्यालय भौतिकी, रसायन व इतिहास विषय में नियुक्ति के लिए रिजल्ट प्रकाशित हो गया है. हाइस्कूल में 17,572 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन जमा हो चुका है. इस वर्ष अंत तक परीक्षा हो जायेगी. प्लस टू उच्च विद्यालय में 3080 नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेज दिया गया है. मॉडल स्कूल में नियुक्ति लिए प्रस्ताव कार्मिक को भेजा गया है. कस्तूरबा विद्यालय में भी स्थायी शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियुक्ति के लिए दूसरी शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट जारी हो गया है. प्रमाण पत्र वितरण किया जा रहा है. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में पिछली शिक्षक नियुक्ति में नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने अाया है. इसे दूर करने के लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है. इसकी प्रक्रिया जल्द पूरी होगी.
कब-कब हुआ बदलाव
नियमावली बनी 29-06- 2002
पहला संशोधन 24-08-2002
दूसरा संशोधन 06-06-2003
तीसरा संशोधन 26-12-2006
चौथा संशोधन 14-08-2007
पांचवां संशोधन 16-09-2009
छठा संशोधन 23-10-2009
नयी नियमावली 05-09-2012
संशोधन 07-08-2015
नयी नियमावली की प्रक्रिया शुरू – वर्ष 2017
तीन बार नियुक्ति, आठ बार बदली नियमावली
राज्य गठन के बाद से अब तक आठ बार प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव किया जा चुका है, जबकि तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. राज्य गठन के बाद पहली बार वर्ष 2002 में झारखंड में शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनायी गयी. राज्य गठन के बाद औसतन प्रति दो वर्ष पर नियमावली में बदलाव हुआ है.