राजनीतिक महागठबंधन स्वीकार नहीं : वृंदा करात
रांची : माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात का कहना है कि बिहार में रविवार को जिस तरह का राजनीतिक महागठबंधन तैयार करने की कोशिश की गयी, वह माकपा को स्वीकार नहीं है. इस कारण पार्टी के किसी भी पदाधिकारी ने रैली में हिस्सा नहीं लिया. वहां ममता बनर्जी जैसी राजनीतिक व्यक्ति भी थी, जो […]
रांची : माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात का कहना है कि बिहार में रविवार को जिस तरह का राजनीतिक महागठबंधन तैयार करने की कोशिश की गयी, वह माकपा को स्वीकार नहीं है. इस कारण पार्टी के किसी भी पदाधिकारी ने रैली में हिस्सा नहीं लिया. वहां ममता बनर्जी जैसी राजनीतिक व्यक्ति भी थी, जो जनवादी मुद्दों की बात तो करती है, लेकिन करती कुछ और है.
पार्टी मुद्दों के आधार पर महागठबंधन कर सकती है. सोमवार को राजधानी में प्रेस से बात करते हुए श्रीमती करात ने कहा कि झारखंड सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने में लगी है. इस कारण पंचायत स्तर पर कई तरह के स्वयंसेवक रखे जा रहे हैं. पलामू के बेतला टाइगर प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को विस्थापित करने की साजिश रची जा रही है. इसका पार्टी ने विरोध किया है. धर्मांतरण बिल के माध्यम से आदिवासियों की एकता को तोड़ने की साजिश रची जा रही है.
बाबाओं के सामने साष्टांग रहती हैं पार्टियां
श्रीमती करात ने कहा कि आज कांग्रेस-भाजपा समेत कई पार्टियां वोट के कारण इस तरह के आशा राम और राम रहीम जैसे स्वामियों के सामने साष्टांग रहती है. यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी राम रहीम के समर्थकों पर कार्रवाई नहीं की गयी. आशाराम मामले में अदालत से गुजरात सरकार को फटकार लगाना इसी का नतीजा है. मौके पर पार्टी के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी ने कहा कि पार्टी के दो दिनी कार्यकारिणी की बैठक में सितंबर में धर्मांतरण, भूमि अधिकार बिल पर सम्मेलन करने का निर्णय हुआ है.