संवेदनशील बनकर जनता की समस्याओं का समाधान करें अधिकारी : रघुवर दास
जनसंवाद में की गयी शिकायतों की लीपा-पोती और लाल फीताशाही नहीं चलेगी उग्रवादी हिंसा से पीड़ितों के मामले में एक माह में निर्णय लेने का निर्देश सीधी बात कार्यक्रम में 14 मामलों की समीक्षा रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को राज्य के सभी अधिकारियों को संवेदनशील बन कर जनता की समस्याओं का समाधान […]
जनसंवाद में की गयी शिकायतों की लीपा-पोती और लाल फीताशाही नहीं चलेगी
उग्रवादी हिंसा से पीड़ितों के मामले में एक माह में निर्णय लेने का निर्देश
सीधी बात कार्यक्रम में 14 मामलों की समीक्षा
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को राज्य के सभी अधिकारियों को संवेदनशील बन कर जनता की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, ‘हुक्म कम और व्यवस्था ज्यादा काम करे’ इस पर अमल करें. जनता ने सुशासन के लिए उन्हें दायित्व सौंपा है, उनकी आकांक्षा पर खरा उतरना है. जनसंवाद में की गयी शिकायतों की लीपा-पोती और लाल फीताशाही से गुरेज करें.
मुख्यमंत्री ने उग्रवादी घटनाओं से जुड़े पीड़ित पक्ष के मामलों में राज्य के सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को एक माह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया. कहा, ‘उग्रवादी घटनाओं में पीड़ित पक्ष की संवेदना को समझें. तय करें कि निराश होकर कोई पीड़ित शिकायतकर्ता नहीं बने. मुख्यमंत्री ने कहा, जनता को दौड़ाये नहीं. उनके मामलों पर त्वरित निर्णय लेकर उनका समाधान करें.
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मुख्यमंत्री ने उद्यमी बोर्ड के ब्लॉक समन्वयकों को दूसरे कामों में लगाने की मिली शिकायत पर स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में उन्हें मूल काम से अलग काम पर नहीं लगाएं. उन्होंने कहा, ‘उनका चयन गांव के लोगों से समन्वय बनाने के लिए किया गया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास सूचना भवन में आयोजित सीधी बात कार्यक्रम में जनसंवाद में आईं शिकायतों पर फरियादियों के साथ राज्य के तमाम आला अधिकारियों से रू-ब-रू थे. सीधी बात में उन्होंने कुल 14 शिकायतों की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने खूंटी में उग्रवादी हिंसा के शिकार बने विनय कुमार गुप्ता के परिजनों को मुआवजा और नौकरी मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की. दो सप्ताह के भीतर पीड़ित पक्ष को मुआवजा और नौकरी देने का आदेश संबंधित पदाधिकारी को दिया. वहीं पूर्वी सिंहभूम जिले के जुगसलाई में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के एक मामले में वहां के उपायुक्त को दस दिनों के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.
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मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं हुआ तो इसके दोषी खुद उपायुक्त होंगे. दूसरी ओर गोड्डा जिले के रानीटिकरा टोले में 2013 में आगजनी में हुई क्षति के मामले में पीड़ितों को इंदिरा आवास देने के सरकारी वादा के पूरा नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने आश्वासन दिया है तो वह पूरा होगा. तय हुआ कि आगजनी के पीड़ितों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराया जायेगा.