#Jharkhand : रिम्स में फिर 8 बच्चों की मौत, स्वास्थ्य सचिव करेंगे जांच, अधीक्षक हटाये गये, निदेशक ने दिया पद छोड़ने का आवेदन
रांची : राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मियों की कथित लापरवाही से हो रही मौतों को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को निर्देश दिया कि सचिव एमजीएम अस्पताल और गुमला का दौरा करें और पूरे मामले की जांच […]
रांची : राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मियों की कथित लापरवाही से हो रही मौतों को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को निर्देश दिया कि सचिव एमजीएम अस्पताल और गुमला का दौरा करें और पूरे मामले की जांच करें. इस बीच, राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के अधीक्षक डॉ एसके चौधरी को उनके पद से हटा दिया है. उधर, रिम्स के निदेशक बीएल शेरवाल ने विभाग को पत्र लिख कर खुद को सेवा से मुक्त करने का आग्रह किया है. वहीं, रांची स्थित रिम्स में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. 29 अगस्त को भी अस्पताल में 8 बच्चों की मौत हो गयी.
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रिम्स के अधीक्षक को उनके पद से हटाने संबंधी आदेश जारी कर दिये गये हैं. साथ ही श्री चौधरी के पदस्थापन पर विभाग से मार्गदर्शन मांगा है. विभाग के अपर सचिव सह रिम्स के उपनिदेशक पीके झा ने स्वास्थ्य विभाग से पूछा है कि डॉ चौधरी रिम्स कैडर के नहीं है, ऐसे में उन्हें कहां पदस्थापित किया जा सकता है.
बताया जाता है कि डॉ चौधरी पर आरोप है कि रिम्स कैश काउंटर समेत रिम्स की अॉडिट करने गयी स्पेशल टीम के साथ उन्होंने सहयोग नहीं किया. 15 दिन बाद अॉडिट टीम लौट गयी और अस्पताल का अॉडिट करने से इनकार कर दिया. उन पर हुई कार्रवाई की एक वजह यह भी बतायी जा रही है.
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रिम्स में बच्चों की मौत का मामला संज्ञान में आने पर अपर सचिव पीके झा रिम्स गये. करीब दो घंटे निदेशक का वह इंतजार करते रहे, लेकिन निदेशक नहीं मिले. वह रिम्स में थे नहीं थी. श्री झा ने पेडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट से डाटा मांगी है. डाटा के आधार पर वह बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे.
सचिव को एमजीएम जमशेदपुर और गुमला जाने का निर्देश
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सचिव गुरुवार को एमजीएम जायें और शुक्रवार को गुमला जाकर खुद जांच करें. ज्ञात हो कि एमजीएम और रिम्स में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत की खबरें आयी हैं. वहीं गुमला के अस्पताल में चिकित्साकर्मियों की लापरवाही से एक बच्चे की मौत की खबर है. प्रधान सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि स्वास्थ्य के मामले में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. लापरवाही के दोषी लोगों की जवाबदेही तय कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. जहां भी व्यवस्था में कमी है, उसेे दूर करने के लिए सरकार तत्पर है.
डॉ बीएल शेरवाल ने पद छोड़ने का दिया आवेदन
रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने पद छोड़ने का आवेदन स्वास्थ्य विभाग को दिया है. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को भेजे गये आवेदन में उन्होंने कहा है कि वह रिम्स निदेशक का पद छोड़ना चाहते है. सूत्राें ने बताया है कि डॉ शेरवाल को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, दिल्ली से ऑफर है और वह वहां ज्वाइन करना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने रिम्स छोड़ने का फैसला किया है.
रिम्स में 29 अगस्त को 8 बच्चों की मौत
रिम्स के शिशु विभाग मेें मंगलवार को आठ बच्चों की मौत हो गयी. आंकड़ा रिम्स मेट्रॉन ऑफिस में लगे शिलापट्ट पर दर्शाया गया है. अस्पताल के विभिन्न वार्डों की रिपोर्ट दी गयी है, जिसमें बताया गया है कि शिशु रोग व नियोनेटल वार्ड में वार्ड की संख्या 100 है, भरती मरीजों की संख्या 147 है. इसमें आठ बच्चों की मौत हुई है. रिम्स के शिशु वार्ड में मरीजों की संख्या बेड की क्षमता से काफी अधिक है. यहां अक्सर क्षमता से ज्यादा मरीज भरती रहते है.