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अॉन लाइन कृषि बाजार की योजना फेल
रांची : किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत इ-नैम की शुरुआत देश भर में हुई. झारखंड के 19 बाजार समिति में भी इसकी शुरुआत हुई, लेकिन यह योजना धरातल पर सही तरीके से नहीं उतर सकी. योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि झारखंड […]
रांची : किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत इ-नैम की शुरुआत देश भर में हुई. झारखंड के 19 बाजार समिति में भी इसकी शुरुआत हुई, लेकिन यह योजना धरातल पर सही तरीके से नहीं उतर सकी. योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में यह योजना फ्लॉप हो गयी है.
क्या है कारण : किसी भी बाजार समिति में इ-नैम के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं हो सका है. सूत्राें का कहना है कि तीन बाजार समिति में किसी भी तरह डाटा दिखा कर कोरम पूरा किया जा रहा है.
क्या जरूरी है बाजार समिति में : इस योजना के लिए बाजार समिति में प्लेटफॉर्म का निर्माण करना है, जहां किसान अपना माल स्टॉक कर सकें. इ-ट्रेडिंग के लिए गेट इंट्री जरूरी है. इसे कंप्यूटर में इंट्री किया जायेगा. व्यापारी को यूजर आइडी व पासवर्ड मिलेगा. मंडी के प्लेटफॉर्म में लॉट मैनेजमेंट होगा. प्रत्येक लॉट में से कुछ सैंपल लिया जायेगा. गुणवत्ता की जांच होगी. फोटो खींच कर कंप्यूटर में अपलोड किया जायेगा. मंडी में एनालिस्ट जांच करेगा. इसके बाद ऑनलाइन बीडिंग होगी. असेइंग लैब का निर्माण भी किसी बाजार समिति में नहीं हो सका है. ये सारे काम बाकी हैं.
किसी व्यापारी के पास एकीकृत लाइसेंस नहीं :मालूम हो कि इस योजना के तहत सब कुछ ऑनलाइन होना है. मतलब उसी व्यापारी को माल बेच सकेंगे, जिनके पास यह एकीकृत लाइसेंस है. लेकिन हाल यह है कि एक भी व्यापारी के पास लाइसेंस नहीं हैं. इधर, बाजार समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों के ऊपर काफी दबाव दिया जा रहा है. जबकि उनका कहना है कि बाजार समिति में न ही असेइंग लैब है और न ही किसी व्यापारी के पास एकीकृत लाइसेंस है. ऐसी स्थिति में कैसे इस योजना को सफल बनायें.
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