अधिवक्ताओं का कार्य बहिष्कार आंदोलन खत्म
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को भी अदालतों में अधिवक्ताओं का कार्य बहिष्कार आंदोलन जारी रहा. चीफ जस्टिस आर भानुमति का आश्वासन मिलने के बाद एडवोकेट्स एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट ने दिन के 3.45 बजे बहिष्कार आंदोलन वापस लेने की घोषणा की. इसके बाद अधिवक्ताओं ने सुनवाई में हिस्सा लिया. एसोसिएशन के बैठक की अध्यक्षता महेश […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को भी अदालतों में अधिवक्ताओं का कार्य बहिष्कार आंदोलन जारी रहा. चीफ जस्टिस आर भानुमति का आश्वासन मिलने के बाद एडवोकेट्स एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट ने दिन के 3.45 बजे बहिष्कार आंदोलन वापस लेने की घोषणा की. इसके बाद अधिवक्ताओं ने सुनवाई में हिस्सा लिया.
एसोसिएशन के बैठक की अध्यक्षता महेश तिवारी ने की, जबकि बैठक का संचालन महासचिव दीपक कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ चीफ जस्टिस सहित अन्य न्यायाधीशों की वार्ता हुई. सभी मांगों के समाधान पर सहमति जतायी गयी. कहा गया कि न्याय प्रशासन कॉज लिस्ट की समस्या को शीघ्र दूर करेगा. अधिवक्ताओं के बैठने की समस्या को बिल्डिंग कमेटी में रखा जायेगा. यह भी बताया गया कि हाइकोर्ट परिसर में जी प्लस थ्री भवन का निर्माण प्रस्तावित है.
4000 मामलों की सुनवाई प्रभावित
सोमवार को नियत समय पर चीफ जस्टिस आर भानुमति सहित अन्य न्यायाधीशगण अपने अदालत कक्ष में बैठे, लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान वादी और प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ. इस कारण चार हजार से अधिक मामलों की सुनवाई प्रभावित हुई. अधिवक्ताओं के रवैये के कारण सैकड़ों मुव्वकिल निराश हुए. अपने मुकदमे की पैरवी के लिए उन्होंने अधिवक्ताओं को मोटी फीस दी थी. इसके बावजूद पैरवी नहीं की गयी. अब नयी तिथि तक मुव्वकिलों को अपने मुकदमे की प्रगति के लिए इंतजार करना पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि चार अप्रैल को अधिवक्ताओं को समय पर कॉज लिस्ट (सुनवाई के लिए मामलों की सूची) नहीं मिल पायी थी. इसके विरोध में अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरू किया था.