निर्माणाधीन पुल देखने पहुंचे मंत्री इंजीनियर व ठेकेदार मिले नदारद

रांची: खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय सोमवार को जमशेदपुर से रांची जाने के क्रम में कांड्रा-चौका रोड पर पालगम स्थित नाला पर बन रहे पुल पर रुके. इस पुल की मरम्मत का काम चल रहा है. श्री राय उतर कर कार्य देखने गये, लेकिन वहां न तो कोई इंजीनियर था और न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2017 7:42 AM
रांची: खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय सोमवार को जमशेदपुर से रांची जाने के क्रम में कांड्रा-चौका रोड पर पालगम स्थित नाला पर बन रहे पुल पर रुके. इस पुल की मरम्मत का काम चल रहा है. श्री राय उतर कर कार्य देखने गये, लेकिन वहां न तो कोई इंजीनियर था और न ही ठेकेदार का कोई आदमी. मंत्री यह जानना चाहते थे कि पुल के टूटने की वजह क्या है? इसकी मरम्मत का काम कैसे चल रहा है?
मौके पर केवल कुछ मजदूर काम कर रहे थे. कुुुछ दिन पहले इसी पुल के नीचे बने डायवर्सन पर नाले का पानी चढ़ जाने के कारण मंत्री को दो घंटे जाम में फंसे रहना पड़ा था. मौके पर ही मंत्री श्री राय को पुल निर्माण कराने वाली एजेंसी झारखंड एक्सीलरेटर रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (जेएआरडीसीएल) के अभियंता मधुर मत्तिल ने फोन पर बताया कि पुल के बीच में एक लंप आ गया था, इस कारण उसे तोड़ कर फिर से मरम्मत करायी जा रही है. मंत्री ने पूछा कि पुल का निर्माण कब हुआ था, तो बताया गया कि 2014 में जीकेसी नामक कंपनी ने पुल का निर्माण कराया था. जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले वर्ष 2016 में यह पुल बना और चालू होने के कुछ महीने बाद ही इसमें गड्ढा और दरार आ गयी.
जेएआरडीसीएल को केवल कमीशन से मतलब
मंत्री सरयू राय ने कहा : जिस तरह मरम्मत की निगरानी के लिए कोई अभियंता या जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर मौजूद नहीं है, वैसे ही पुल निर्माण के समय भी लापरवाही बरती गयी होगी. सरकार ने जेएआरडीसीएल को काम दिया, उसने जीकेसी को दे दिया और जीकेसी ने किसी पेटी कॉन्ट्रैक्टर से काम करा लिया. पुल निर्माण का पैसा चार जगह बंट गया. इसका असर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर दिख रहा है. लगता है कि जेएआरडीसीएल को सिर्फ कमीशन खाने से मतलब है. मंत्री ने कहा कि वह रांची जाकर संबंधित विभाग से पुल निर्माण में लापरवाही के बाबत अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहेंगे.

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