अब आलिम-फाजिल की परीक्षा नहीं लेगा जैक

रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल अब मदरसा अालिम (बीए)-फाजिल (एमए) की परीक्षा नहीं लेगा. यही कारण है कि जैक द्वारा जारी विज्ञप्ति में केवल वस्तानियां से मौलवी तक की परीक्षा के लिए पंजीयन फॉर्म जमा करने को कहा गया है. जैक ने वर्ष 2018 के लिए मदरसा परीक्षा की पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2017 7:27 AM
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल अब मदरसा अालिम (बीए)-फाजिल (एमए) की परीक्षा नहीं लेगा. यही कारण है कि जैक द्वारा जारी विज्ञप्ति में केवल वस्तानियां से मौलवी तक की परीक्षा के लिए पंजीयन फॉर्म जमा करने को कहा गया है. जैक ने वर्ष 2018 के लिए मदरसा परीक्षा की पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. छह सितंबर से मदरसा को पंजीयन के लिए आवेदन फॉर्म दिया जा रहा है.

राज्य में काफी दिनों से जैक स्तर से आलिम-फाजिल की परीक्षा लिये जाने पर रोक लगाने की मांग चल रही थी. मदरसा में कक्षा आठ से लेकर एमए तक की परीक्षा जैक द्वारा ली जाती थी. जैक केवल इंटर स्तर तक की परीक्षा लेने के लिए अधिकृत है, ऐसे में स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री जैक द्वारा नहीं दी जा सकती है. आलिम व फाजिल की डिग्री विश्वविद्यालय स्तर से ही दी जा सकती है. जैक ने पूर्व में विभाग को इस आशय का प्रस्ताव भेजा था कि वह आलिम व फाजिल की परीक्षा नहीं लेगा. इस पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने जैक से पूछा कि वह किस आदेश के तहत मदरसा में आलिम व फाजिल की परीक्षा ले रहा है. अगर सरकार ने इस मामले में पूर्व में कोई आदेश ही नहीं दिया है तो विभाग रोक क्यों लगायेगी. एेसे में जैक को अपने स्तर से निर्णय लेने को कहा गया था. इसके बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने अगले साल से आलिम-फाजिल की परीक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया है.

क्यों लिया गया निर्णय : यह मामला विधानसभा में उठ चुका है. विधायकों ने इसमें सुधार की मांग करते हुए कहा था कि आलिम व फाजिल की पढ़ाई विश्वविद्यालय स्तर की है. इसकी परीक्षा जैक द्वारा लिये जाने से इसे दूसरे राज्यों में मान्यता नहीं दी जाती है. इसके कारण विद्यार्थी न तो दूसरे राज्यों में नामांकन ले पाते हैं और न ही स्नातक व पीजी स्तर की नौकरी के लिए आवेदन जमा कर पाते हैं.
आगे कैसे होगी परीक्षा तय नहीं
जैक द्वारा आलिम-फाजिल की परीक्षा नहीं लेने के निर्णय के बाद अब इसकी परीक्षा किस स्तर से होगी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ एएन ओझा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने मदरसा व मध्यमा पाठ्यक्रम को अपग्रेड करने का सुझाव दिया था. कमेटी ने रिपोर्ट में कहा था कि आलिम व फाजिल की परीक्षा विवि स्तर से करायी जा सकती है, पर इसके लिए दोनों के पाठ्यक्रम को विवि के सिलेबस के अनुरूप अपग्रेड करना होगा.

वर्ष 2017 में आलिम-फाजिल का रिजल्ट
परीक्षा शामिल पास प्रतिशत
अालिम बीए 2648 2536 95.77
आलिम ऑनर्स 2154 2069 96.05
फाजिल एम 1740 1609 92.47

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