भाजपा नेता के पुत्र सहित तीन छात्रों का नहीं मिला सुराग

रांची : साईं कॉलोनी, चुटिया निवासी भाजपा नेता मदन सिंह के अपहृत पुत्र शिवम सिंह, उनके मौसेरे भाई के पुत्र गौरव सिंह और पावर हाउस चौक निवासी सैंकी का सुराग अभी तक नहीं मिल पाया है. तीनों छात्रों की तलाश में एसआइटी की टीम ने बेड़ो, लापुंग, नगड़ी आदि जगहों पर छापेमारी की, लेकिन कुछ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2017 7:30 AM
रांची : साईं कॉलोनी, चुटिया निवासी भाजपा नेता मदन सिंह के अपहृत पुत्र शिवम सिंह, उनके मौसेरे भाई के पुत्र गौरव सिंह और पावर हाउस चौक निवासी सैंकी का सुराग अभी तक नहीं मिल पाया है. तीनों छात्रों की तलाश में एसआइटी की टीम ने बेड़ो, लापुंग, नगड़ी आदि जगहों पर छापेमारी की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि अपहरण करनेवालों के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि उक्त तीनों छात्र कार से मंगलवार को निकले थे. तीनों का मोबाइल जब मिला, तब परिजन किसी अनहोनी की आशंका को लेकर तीनों को तलाशने लगे, लेकिन पता नहीं चला. इसके बाद बुधवार की सुबह तीन बजे चुटिया पुलिस को तीनों के लापता होने की जानकारी दी गयी. शिवम की कार नगड़ी थाना क्षेत्र के लाबालौंग से लावारिस अवस्था में बरामद हुई थी. इस मामले में नगड़ी थाना में केस दर्ज किया गया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तीनों को सुरक्षित बरामद करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
तीन बिंदुओं पर की जा रही है जांच
पहला बिंदु : घटना के पीछे कहीं पीएलएफआइ के उग्रवादियों का हाथ तो नहीं. क्योंकि पूर्व में चुटिया इलाके में पीएलएफआइ के उग्रवादी के रहने की बात सामने आ चुकी है. पूर्व में कुछ उग्रवादी चुटिया इलाके से गिरफ्तार भी हो चुके हैं.
दूसरा बिंदु : फिरौती के लिए अपहरण करने का काम रांची के अलावा झारखंड में चंदन सोनार गिरोह से जुड़े अपराधी करते रहे हैं. इस गिरोह का एक अपराधी चुटिया में रहता है. उसे पहले से चुटिया के स्थानीय लोगों के अलावा मदन सिंह और उसके पुत्र के बारे पूरी जानकारी थी. इसलिए घटना के पीछे कहीं इस गिरोह का हाथ तो नहीं है.

तीसरा बिंदु : अपराधियों का गिरोह गुमला और आस-पास के इलाके में रहने वालों का है. अपराधियों का गिरोह पूर्व में धुर्वा इलाके के कुशल जैन नामक एक व्यवसायी का अपहरण कर चुका है. इसलिए पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है.
डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम से करायी गयी कार की जांच
लावारिस रूप से बरामद कार की जांच के लिए डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम को बुलाया गया था. प्रारंभिक जांच में पता चला कि कार में तीनों छात्रों के अलावा कोई नहीं था. इसके अलावा जांच में पुलिस को यह भी पता चला कि अगर तीनों का अपहरण हुआ भी है, तो कार के अंदर तीनों के साथ बल प्रयोग नहीं किया गया है.

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