नगर निगम वर्तमान में लोगों को वाटर कनेक्शन लेने की स्वीकृति देता है. एक बार स्वीकृति मिल जाने के बाद लोग निजी प्लंबरों से संपर्क करते हैं. निजी प्लंबर ही मेन पाइप लाइन में छेद करके लोगों के घर तक पानी का कनेक्शन पहुंचाता है.
लेकिन ये प्लंबर भवन मालिक से सांठ-गांठ कर मेन पाइप लाइन में निर्धारित मानक से बड़ा छेद कर देते हैं. इससे भवन मालिक के घर में पानी तो अधिक पहुंचता है. लेकिन इससे मुख्य पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है. किसी प्रकार का इंपैनलमेंट नहीं होने के कारण निगम ऐसे निजी प्लंबर पर कार्रवाई भी नहीं कर पाता है. इसलिए निगम अब प्राइवेट प्लंबर को भी इंपैनल करेगा.