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RANCHI : पूर्व मंत्री जयंती नटराजन व इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग के ठिकानों पर सीबीआइ का छापा

दिल्ली, ओड़िशा और रांची स्थित ठिकानों पर रेड रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन, इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड और इसी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर उमंग केजरीवाल के ठिकानों पर दिल्ली सीबीआइ ने शनिवार को एक साथ छापेमारी की. छापेमारी पूर्व मंत्री के दिल्ली, कंपनी के रांची और इसके मैनेजिंग डायरेक्टर उमंग के ओड़िशा के […]

दिल्ली, ओड़िशा और रांची स्थित ठिकानों पर रेड
रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन, इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड और इसी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर उमंग केजरीवाल के ठिकानों पर दिल्ली सीबीआइ ने शनिवार को एक साथ छापेमारी की.
छापेमारी पूर्व मंत्री के दिल्ली, कंपनी के रांची और इसके मैनेजिंग डायरेक्टर उमंग के ओड़िशा के सुंदरगढ़ स्थित आवास पर हुई. इसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने की बात कही जा रही है. इससे पूर्व दिल्ली सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की. मामले में 2014 में प्रारंभिक कांड अंकित किया गया था.
चाईबासा के सारंडा में माइनिंग और आयरन ओर प्रोजेक्ट के लिए इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लि ने झारखंड सरकार के साथ 19 मई 2004 को एमओयू किया था. कंपनी को एक मैट्रिक टन सालाना स्टील का उत्पादन करना था. फिर कंपनी के संशोधित प्रस्ताव पर झारखंड सरकार ने 25 जनवरी 2006 को केंद्र को प्रस्ताव दिया. इसमें कहा गया कि सारंडा में कंपनी को माइनिंग अौर आयरन ओर लीज के लिए 192.50 हेक्टेयर भूमि दी जाये.
इसके बाद एक जून 2006 को केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी शर्त के साथ दे दी. इसमें कहा गया कि वन अधिनियम कानून के प्रावधानों का पालन कर राज्य सरकार कंपनी को उक्त जमीन आवंटित कर सकती है. आवंटन के दौरान 2008 में यह बात सामने आया कि सारंडा में 192.50 हेक्टेयर भूमि में से 55.79 हेक्टेयर भूमि एलिफैंट कॉरिडोर में आती है. इस भूमि का गैर वाणिकी कार्य के लिए कंपनी को आवंटित करने का अनुरोध राज्य सरकार ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से किया. इस पर फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी ने झारखंड सरकार से जमीन का ब्योरा तलब किया.
2009 में कंपनी ने राज्य सरकार को रिजवाइंडर किया कि 55.79 हेक्टेयर वन भूमि के मामले को जल्द निबटाया जाये. कंपनी की आेर से 15 जुलाई 2010 को प्रधानमंत्री कार्यालय को भी रिजवाइंडर भेज दिया. वहां से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को मामला भेज दिया गया. फिर 10 सितंबर 2010 को मामला फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी के सामने पेश किया गया.
जमीन एलिफैंट कॉरिडोर का होने के कारण कमेटी ने कंपनी के प्रस्ताव को रद्द कर दिया. 13 जुलाई 2011 को जयंती नटराजन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री बनी. इसके कुछ दिनों के बाद झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने नटराजन से अनुरोध किया कि वे कंपनी के लिए 55.79 हेक्टेयर वन भूमि को कंसीडर करें. इसके बाद 28 दिसंबर 2012 को मंत्री नटराजन ने 55.79 हेक्टेयर वन भूमि (एलिफैंट कॉरिडोर) को गैर फॉरेस्ट लैंड घोषित कर दिया.
इनके ठिकानों पर छापा :
जयंती नटराजन : दिल्ली स्थित ठिकाने
इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लि : रांची के कांके रोड स्थित उमा शांति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 801 में संचालित क्षेत्रीय कार्यालय
इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर उमंग के ओड़िशा के सुंदरगढ़ स्थित ठिकाना और कार्यालय

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