कुरमी महासभा: समाज एकजुट रहे, ताे हम तय करेंगे किसे मिले सत्ता
रांची: अखिल भारतीय कुरमी महासभा के तृतीय महिला राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन शनिवार को बरियातू रोड स्थित मैथन मैरेज हॉल में किया गया. दो दिनों तक चलने वाले इस अधिवेशन के प्रथम दिन के मुख्य अतिथि जल संसाधन व पीएचइडी मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी थे. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अाज हम संगठित नहीं हैं. इसलिए […]
रांची: अखिल भारतीय कुरमी महासभा के तृतीय महिला राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन शनिवार को बरियातू रोड स्थित मैथन मैरेज हॉल में किया गया. दो दिनों तक चलने वाले इस अधिवेशन के प्रथम दिन के मुख्य अतिथि जल संसाधन व पीएचइडी मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी थे. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अाज हम संगठित नहीं हैं. इसलिए हर क्षेत्र में हम अलग-थलग पड़ जाते हैं.
अगर हमारा समाज एकजुट हुआ, तो हम राज्य तो क्या केंद्र में भी बदलाव ला सकते हैं. श्री चौधरी ने कहा कि हमारी आबादी तो बहुत है. लेकिन जितनी हमारी आबादी है, उतनी भागीदारी हमें नहीं मिलती है. इसका एक बहुत बड़ा कारण समाज का एकजुट नहीं होना है. श्री चौधरी ने कहा कि अन्य राज्यों में समाज के लोगों की स्थिति बेहतर है. लेकिन झारखंड में हम अब भी पिछड़े हुए हैं. अब जरूरत है कि हम एकजुट होकर समाज को आगे लेकर जायें. इसके लिए हमें संगठन को पंचायत स्तर पर लेकर जाना होगा. एक-एक व्यक्ति को संगठन से जोड़ना पड़ेगा.
कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमेश्वर महतो, प्रदेश अध्यक्ष कुमेश्वर महतो, महिला प्रदेश अध्यक्ष शांति महतो, कारीनाथ महतो, डॉ विजय निरंजन, अर्चना महतो, वकील महतो, वी वर्मा, रीता देवी, पंकज कुमार महतो, सेवालाल महतो आदि मौजूद थे.
राज्य के कुरमी जन्मजात आदिवासी, सरकारों ने बाहर रखा
राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष लता ऋषि चंद्राकर ने कहा कि राज्य के कुरमी जन्मजात आदिवासी हैं. इसके लिए ये आंदोलन भी कर रहे हैं. लेकिन किसी सरकार का ध्यान इस पर नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की हालत बहुत अच्छी है. यहां पुरुषों के समान महिलाओं को अधिकार मिला हुआ है. हमें अंतरराज्यीय विवाह को बढ़ावा देना होगा, ताकि समाज के लोगों का जुड़ाव अन्य प्रदेशों के लोगों के साथ हो. श्रीमती चंद्राकर ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं. इसलिए महिलाओं को हमें स्किल डेवलपमेंट से जोड़ना होगा, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके.
बेटा-बेटी में फर्क न करें
महाधिवेशन के दूसरे सत्र में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ विषय पर परिचर्चा हुई. इसकी अध्यक्षता करते हुए डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि बेटा–बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए. आज बेटियां हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं.
पूर्व विधायक ने कुरमी को एसटी का दर्जा देने की मांग की
रांची. सिल्ली के पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर कुरमी को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग की है. कहा है कि राज्य के कुड़मी, कुरमी व महतो प्राचीनतम जनजाति हैं. प्रकृति पूजक हैं. उनकी उत्पत्ति द्रविड़ समूह से हुई है. इनकी भाषा कुरमाली है. बंगाल प्रोविंस में डाॅ रिजले द्वारा की गयी जनजाति एवं जाति सर्वे के आधार पर 1913 में मुंडा, उरांव, संथाल, हो, भूमिज, खड़िया, घांसी, गोड़, कांध, कोरवा, कुरमी, माल, सौरिया और पान नामक समुदाय को जनजाति घोषित किया गया था. हालांकि, बाद में कुरमी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर दिया गया. श्री कमलेश ने कुरमी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए पूर्व में राज्य सरकार द्वारा किये गये निर्णयों की जानकारी भी दी है.