रांची : पशुपालन विभाग पशुधन नीति तैयार करेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए 50 पशु चिकित्सकों की 25 टीम बनायी गयी है. टीम के सदस्यों का दो दिनी प्रशिक्षण सोमवार से कांके स्थित विश्वा सभागार में शुरू हुआ. इसका उदघाटन करते हुए पशुपालन निदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा कि आज तक हमारे पास पशुधन को लेकर कोई नीति नहीं है.
इस कारण कई बार मामला फंस जाता है. यह स्थिति बहुत दिनों तक चलनेवाली नहीं है. नीति में पशु चिकित्सकों के साथ-साथ पशुपालकों के हितों का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. इसे इतना समग्र बनायें कि आनेवाले दिनों में कम से कम संशोधन की जरूरत हो. नीति में पशु चिकित्सकों को विदेश भेजने का भी प्रावधान रखें. विभाग जरूरत पड़ने पर चिकित्सकों को विदेश भी भेजेगा.
गालवमेड को सरकार ने नीति बनाने के लिए सहयोगी संस्था बनाया है. इसके सलाहकार सीआर राव ने कहा कि किसी भी विभाग के विकास के लिए नीति का होना जरूरी है. यह पहला राज्य है, जहां नीति बनाने में पशु चिकित्सकों को भी शामिल किया गया है. इससे सही चीजें आयेगी. इसका फायदा किसानों को होगा.
12 सदस्यीय स्टेयरिंग कमेटी करेगी काम
विभाग के डॉ विवेक सिन्हा ने कहा कि नीति विशेषज्ञों की देखरेख में तैयार कराया जा रहा है. इसके लिए 12 सदस्यीय स्टेयरिंग कमेटी बनायी गयी है. नवंबर तक इसका एक स्वरूप तैयार हो जायेगा. प्रयास होगा कि इसी साल कैबिनेट में नीति आ जाये. इसके लिए 50 चिकित्सकों की टीम को पूरी वैज्ञानिक विधि के साथ आकलन करने का काम दिया गया है. इसमें वेटनरी कॉलेज के पशु चिकित्सकों का सहयोग भी लिया जा रहा है. मौके पर अतिथियों का स्वागत डॉ मनोज कुमार तिवारी तथा संचालन डॉ प्रभात कुमार पांडेय ने किया.