सरकार के 1000 दिन पर रघुवर दास से प्रभात खबर की खास बातचीत: प्रखंड स्तर पर बिचौलिये हैं हावी, इसे हर हाल में समाप्त करना है

22 सितंबर काे रघुवर दास सरकार अपना 1000 दिन का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. झारखंड में ऐसा करनेवाले पहले मुख्यमंत्री हैं रघुवर दास. इस 1000 दिन में सरकार की विशेष उपलब्धि, भविष्य की याेजना, सरकार की प्राथमिकताएं समेत विधानसभा की सीटें बढ़ाने, झारखंड में शराबबंदी, कैबिनेट में फेरबदल की संभावना, बड़ी कंपनियाें के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2017 7:19 AM

22 सितंबर काे रघुवर दास सरकार अपना 1000 दिन का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. झारखंड में ऐसा करनेवाले पहले मुख्यमंत्री हैं रघुवर दास. इस 1000 दिन में सरकार की विशेष उपलब्धि, भविष्य की याेजना, सरकार की प्राथमिकताएं समेत विधानसभा की सीटें बढ़ाने, झारखंड में शराबबंदी, कैबिनेट में फेरबदल की संभावना, बड़ी कंपनियाें के मुख्यालय झारखंड लाने पर प्रभात खबर के वरीय संवाददाता सतीश कुमार के साथ मुख्यमंत्री की लंबी बातचीत हुई. प्रस्तुत है बातचीत के अंश:

1000 दिन पूरे करनेवाले झारखंड के पहले सीएम बने आप. बधाई. कैसा लग रहा है?

बधाई के लिए धन्यवाद. 1000 दिन में जनहित के जाे काम हुए हैं, उससे मानसिक संतोष मिला है. राज्य के गांव, गरीब, किसान, महिलाएं, नौजवान के हित में काफी काम करना है. मेरे मन में कभी निराशा का भाव नहीं रहता है. मेरा मानना है कि कोई भी काम मनोयोग से करें, तो आप अंजाम तक पहुंचते ही हैं.

इस एक हजार दिन में तीन सबसे बड़ी उपलब्धि किसे मानते हैं आप?

किसी भी सरकार की पहली उपलब्धि होनी चाहिए कि जनता का शासन पर विश्वास बना रहे. उसे हमने एक हजार दिन के कार्यकाल में प्राप्त किया है. दूसरा महत्वपूर्ण काम मैं मानता हूं स्थानीय नीति को परिभाषित करना. 14 सालों से स्थानीय नीति परिभाषित नहीं होने के कारण राज्य के बेरोजगार नौजवान निराश थे. स्थानीय नीति बनने की वजह से हमारी सरकार ने एक लाख से अधिक नियुक्तियां बहुत कम समय में कर डाली. अभी 50 हजार सरकारी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. तीसरा महत्वपूर्ण काम मैं मानता हूं उग्रवाद पर नकेल. पुलिस के काम में हस्तक्षेप नहीं होने के कारण राज्य में उग्रवाद का प्रभाव काफी कम हो गया है. मेरा लक्ष्य है आनेवाले दिनों में झारखंड को उग्रवाद और अपराधमुक्त बनाना.

सबसे ज्यादा संतुष्टि आपको किस योजना, काम से मिली है?

योजना बनाओ अभियान मेरे दिल के करीब है. योजना बनाओ अभियान और सरकार आपके द्वार दो ऐसे कार्यक्रम हैं, जिसने शासन व जनता के बीच की खाई को पाटा है. इन योजनाओं के चलते हमारे मंत्री और अधिकारी जनता से सीधे जुड़े हैं. जन समस्या और विकास को लेकर जनता से सीधे संवाद किया गया है.

आनेवाले दिनों में आपकी सरकार की प्राथमिकताएं क्या होंगी?

मेरी पहली प्राथमिकता है कि इस राज्य से गरीबी दूर भाग जाये. बेरोजगारी काे दूर करना, किसान की आय दोगुना करना, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, सबको स्वास्थ्य जैसे काम मेरी सरकार की प्राथमिकता में है.

दो साल बाद जब आपकी इस सरकार का कार्यकाल पूरा होगा, उस समय झारखंड कहां खड़ा रहेगा?

सवा तीन करोड़ जनता की शक्ति और सहयोग के बल पर झारखंड को विकसित, समृद्ध और स्वावलंबी बनाना है. राज्य के दबे, पिछड़े, दलित, आदिवासी के जीवन में बदलाव लाना है.

राज्य में सड़कें बन रही हैं. पुल बन रहे हैं. पर बिजली की समस्या दिखती है. अब आपका फोकस बिजली पर है. यहां के लोगों को पूरी बिजली कब तक मिलने लगेगी?

किसी भी राज्य के आर्थिक-सामाजिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करना जरूरी है. बिजली के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. उद्योग, खेती-बाड़ी से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक में बिजली की जरूरत पड़ेगी ही. 28 दिसंबर 2014 को जब मैंने सत्ता संभाली, तो यह जान कर आश्चर्य हुआ कि आजादी के 68 साल बाद भी झारखंड के 32 हजार गांव के 68 लाख परिवार में से 38 लाख परिवारों तक ही बिजली पहुंच पायी है. 30 लाख घर में अंधेरा था. जो बिजली आ भी रही थी, उसकी स्थिति ठीक नहीं थी. बिजली का आना-जाना, कम वोल्टेज, अांधी-तूफान और पर्व त्योहार में बिजली का कट जाना यह सामान्य बात थी. तभी मैंने तय किया कि 2018 तक हर घर में बिजली पहुंचानी है. एक हजार दिन में 30 लाख घरों में से सात लाख घर तक बिजली पहुंचा दी गयी है. 60 ग्रिड और 257 सब स्टेशन बन रहे हैं. शहरों में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू किया गया है. राजधानी में 2018 तक यह काम पूरा हो जायेगा.

एेसे अनेक लोग या कंपनियां, जो एग्रीमेंट कर प्रोजेक्ट नहीं लगा रहे हैं. एेसे लोगों पर सरकार की क्या योजना है?

एेसी कोई सूचना सरकार के पास नहीं है. मोमेंटम झारखंड के पहले हमने निवेशकों के लिए बेहतर नीतियां बनाने का काम किया. इसी की वजह से देश विदेश की नामी गिरामी कंपनियों ने मोमेंटम झारखंड में शिरकत की. 210 एमओयू किये गये. तीन माह के अंदर ही 18 मई 2017 को 21 एमओयू का शिलान्यास किया गया. इसमें 710 करोड़ का निवेश हुआ. इसके तहत 21,184 लोगों को रोजगार मिलेगा. दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 19 अगस्त 2017 को जमशेदपुर में हुअा, जिसमें 74 कंपनियों के कार्यों का शिलान्यास किया गया. इसके जरिये 2018 करोड़ का निवेश हो रहा है और 10,335 लोगों को रोजगार मिलेगा. मोमेंटम झारखंड में हुए 210 एमओयू में से 95 का काम शुरू हो गया है. तीसरा ग्राउंड ब्रेकिंग नवंबर-दिसंबर में होगा, जिसमें 70 कंपनियों के काम का शिलान्यास होगा. आपको बता दें, देश की प्रतिष्ठित कंपनी ओरिएंट क्राफ्ट का 18 मई को शिलान्यास किया गया था, जहां उत्पादन शुरू हो गया है. झारखंड के 900 युवक-युवतियों को काम मिला है. 10 माह में मदर डेयरी का प्लांट जमीन पर उतारा गया है. फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में दूसरा और पूर्वी क्षेत्र का पहला सफल का अत्याधुनिक फूड प्रोसेसिंग प्लांट शुरू कर दिया गया है. निवेश को लेकर राज्य में उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं.

अपनी पार्टी के विधायकों और संगठन के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे?

मैं जो कुछ भी हूं, आज भाजपा की वजह से हूं. सरकार को बनाने में भाजपा के हर कार्यकर्ता ने कठिन परिश्रम किया है. उनके नि:स्वार्थ योगदान के कारण ही हम सरकार में हैं. मैं मुख्यमंत्री के तौर पर जो काम कर रहा हूं, वह भी मूलत: संगठन का ही काम है. 2014 के विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने घोषणा पत्र में जो वादे किये थे, उन्हीं वादों को अमली जामा पहनाने का काम कर रहा हूं. जनप्रतिनिधियों को मेरा सुझाव है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जनहित के काम करें. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारें. केंद्र और राज्य की योजनाओं और विकास कार्यों को मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाएं. जहां तक संगठन का सवाल है, शासन में आने के कारण संगठन की जिम्मेवारी और बढ़ गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक न्यू इंडिया बनाने की बात कही है. न्यू इंडिया बनाने में सहयोग करने के लिए न्यू झारखंड की रचना करनी होगी. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच को हमें धरातल पर उतारना है.

कोई एेसा काम, जो चाह कर भी अाप नहीं कर पाये, जिसका आपको अफसोस है?

मेरा मानना है कि राज्य में ऊपर के स्तर पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है, लेकिन आज भी आम आदमी रोजमर्रा की जिंदगी में भ्रष्टाचार से लड़ रहा है. प्रखंड स्तर पर बिचौलिया हावी है. मुझे उसे समाप्त करना है. ग्रामीण पंचायत सचिवालय के गठन का मेरा उद्देश्य भी यही है. नीचे की व्यवस्था को मैं जल्द ऑनलाइन करना चाहता हूं, ताकि लोग घर बैठे ही अपना काम करा सकें. पिछले दिनों चार विभाग पूरी तरह से पेपरलेस हो गये हैं. छह माह में बाकी विभाग भी पेपरलेस करने का लक्ष्य रखा गया है.

क्या परफॉरमेंस के आधार पर मंत्रियों-अफसर के काम का आकलन होगा?

हमारे मंत्री और अफसर टीम भावना के साथ काम कर रहे हैं. 1000 दिन पहले नौकरशाही पर सवाल उठाये जाते थे. कहा जाता था कि यहां के अफसर काम नहीं करते, लेकिन पिछले 1000 दिनों में अफसरों ने राज्यहित में काम कर साबित कर दिया कि वे दूसरे राज्यों के अफसरों से कम नहीं हैं. मैं मंत्रियों के साथ सिपाही से लेकर डीजीपी और चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक को बेहतर काम करने के लिए बधाई देता हूं.

सीएनटी-एसपीटी संशोधन वापस लेना पड़ा. आपने काफी सहमति बनाने की कोशिश की. कोई मलाल?

कोई मलाल नहीं है. अगर हमें नया झारखंड बनाना है, तो 50-100 साल पुरानी जिंदगी या कार्यशैली का उदाहरण देकर हम नया झारखंड नहीं बना सकते हैं. हमें आज के समय और आज की जरूरत को ध्यान में रख कर अपनी सोच और दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा. समय के साथ नहीं बदलेंगे, तो हम कहीं पीछे छूट जायेंगे. क्योंकि मनुष्य आगे की सोचता है. दुनिया तेजी से बदल रही है. नयी पीढ़ी लंबी छलांग लगाना चाहती है. नयी पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी सोच में बदलाव लाना होगा.

झारखंड में विधानसभा की सीट बढ़नी चाहिए? केंद्र में भी आपकी पार्टी की सरकार है. इस पर काेई प्रयास हाे रहा है?

मैं झारखंड के सभी सांसदाें से आग्रह करता हूं कि झारखंड विधानसभा में सीट बढ़ाने के लिए वे केंद्र सरकार से आग्रह करें. प्रधानमंत्री से मिलें. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आनेवाले हैं. सांसद, पार्टी अध्यक्ष के सामने भी इस मांग काे रख सकते हैं.

कई कंपनियांे का मुख्यालय झारखंड के बाहर है. क्या इनका मुख्यालय झारखंड लाने का प्रयास करेंगे?

निश्चित रूप से यह मुद्दा, जो आपने रखा है, वह सम-सामयिक है. इस संदर्भ में प्रयास करेंगे कि सभी का मुख्यालय झारखंड आये.

आपके पास सर्वाधिक विभाग है. काम का दबाव है. इतने दबाव में सफलतापूर्वक काम कैसे करते हैं?

काम नहीं करने से आदमी ज्यादा थकता है. मैं कड़ी मेहनत में विश्वास रखता हूं. मेरे अंदर काम करने का जुनून है. मैंने जीवन में महसूस किया है कि मैं जितना काम करता हूं. किस्मत उतना मेरा साथ देती है. तभी एक मजदूर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहा है.

क्या निकट भविष्य में कैबिनेट में फेरबदल करने की योजना है?

इसकी जानकारी मुझे नहीं है.

क्या कहा सीएम ने

  • हमने स्थानीय नीति परिभाषित की, जिससे एक लाख से अधिक नियुक्तियां हाे सकीं
  • 50-100 साल पुरानी जिंदगी का उदाहरण देकर नया झारखंड नहीं बना सकते
  • मंत्री से लेकर सिपाही-डीजीपी आैर चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक ने बेहतर काम किया
  • झारखंड से गरीबी दूर करना प्राथमिकता
  • नक्सलवाद-उग्रवाद पर नकेल कसी
  • बड़ी कंपनियाें के मुख्यालय काे झारखंड लाने का प्रयास हाेगा

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