रांची : झारखंड की रघुवर सरकार ने विधायकों और मंत्रियों को सातवें वेतन आयोग के तोहफे के रूप में वेतनवृद्धि काउपहारदिया है. कैबिनेट की बैठक में आज विधायकों और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. साथ ही भत्ते में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया. प्रस्तावित वेतन और भत्ते में थोड़ा संशोधन कर उसे मंजूरी दी गयी.
इसके साथ ही कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. मंत्रिमंडल में झारखंड राज्य आवास बोर्ड सेवा विनियमावली, 2017 के गठन की स्वीकृति मिली. केन्द्र प्रायोजित स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नागरिकों की सहायता के लिए निकटतम सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों को खोजने के लिए शौचालयों का गूगल मैंपिंग करने हेतु झारखंड वित्त नियमावली के नियम 235 के प्रावधानों को शिथिल करते हुए नियम 245 के तहत योजना हित में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से मनोनयन के आधार पर सेवा लेने की स्वीकृति मिली है.
किस मद में कितना पैसा बढ़ा?
वेतन संशोधन के बाद विधायकों का मासिक वेतन 30,000 रुपये ये बढ़कर 40,000 रुपये हो जायेगा. क्षेत्रीय भत्ते को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया. दैनिक भत्ते को 50,000 रुपये बढ़ाकर लगभग 70,000 रुपये कर दिया गया है. जबकि निजी सहायक भत्ते को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये कर दिया गया है. वहीं चिकित्सा भत्ता 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये, सवारी भत्ता 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये, सत्कार भत्ता 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये, पत्रिका के लिए 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये और अनुसेवक भत्ता 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया गया. इस प्रकार वेतन और सभी भत्ते मिलाकर अब विधायकों को 2,79,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे.
मंत्रियों को कितना मिलेगा वेतन?
इसी प्रकार मंत्रियों के वेतन अब 50,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये कर दिये गये हैं. इनको मिलने वाला क्षेत्रीय भत्ता 30,000 से बढ़ाकर 80,000 रुपये कर दिया गया. सत्कार भत्ता 30,000 रुपये से बढ़ाकर 45,000 रुपये कर दिया गया. वहीं प्रभारी भत्ता 50,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये किया गया. चिकित्सा भत्ता 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया. मंत्रियों को वे भत्ते भी उसी प्रकार मिलेंगे जो विधायकों को मिलते हैं.
मुख्यमंत्री का वेतन व भत्ता
इस संसोधन के बाद मुख्यमंत्री का वेतन 60,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये किया गया. क्षेत्रीय भत्ता 40,000 रुपये ये बढ़ाकर 80,000 रुपये किया गया. सत्कार भत्ता 35,000 रुपये ये बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया गया. प्रभारी भत्ता भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर लगभग 70,000 रुपये कर दिया गया. इसके साथ ही चिकित्सा भत्ते में भी बढ़ोतरी की गयी है. यह 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया.
विरोधी दल के नेता को भी मंत्री के समान वेतन और भत्ता
झारखंड विधानसभा के विरोधी दल के नेता के वेतन और भत्ते भी मंत्रियों के समान ही होंगे. इनके वेतन और भत्ते में भी मंत्रियों के समांतर संसोधन किया गया है. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विरोधी दल नेता और विधानसभा अध्यक्ष के वेतन और भत्ते में जो प्रस्ताव दिया गया था उसे बिना काट छांट के स्वीकृति प्रदान की गयी.
कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
:- झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) विधेयक, 2017 पर मंत्रिपरिषद ने घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की.
:- पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग के अंर्तगत क्रीडा निदेशालय के अधीन विभिन्न कोटि के पदों के सृजन के फलस्वरूप सृजित पदों हेतु आय-व्यय के शीर्ष के संशोधन की स्वीकृति.
:- जल संसाधन विभाग के अंतर्गत पुनरीक्षित नीति 2012 के अवधि विस्तार की स्वीकृति. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधीन स्थापना व्यय मद के अंतर्गत 3 अस्थायी/आंशिक अस्थायी स्थापनाओं में स्वीकृत 75 अस्थायी पदों एवं सम्बद्ध कार्यालयों के स्थायीकरण करने की स्वीकृति मंत्रिपरिषद ने दी.
:- डा. नीलम मिंज, दंत चिकित्सक, अनुमंडलीय अस्पताल, नगर उंटारी, गढ़वा को सेवा से हटाने की स्वीकृति मंत्रिपरिषद ने दी.
:- राज्य योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में दुमका जिला के गोपीकान्दर में 30 शय्यावाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की योजना के लिए कुल 5,18,75,039 (पांच करोड़ अठारह लाख पचहत्तर हजार उनचालीस रुपये) की लागत पर द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति मंत्रिपरिषद ने दी.
:- राज्य में केन्द्र प्रायोजित योजनान्तर्गत ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ की स्वीकृति एवं योजना के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 में रुपये 6334.37 लाख (तिरसठ करोड़ चैतीस लाख सैंतीस हजार रूपये) मात्र के व्यय की स्वीकृति.
:- झारखण्ड मेडिकल एण्ड हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एण्ड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के निमित प्रबंध निदेशक का एक पद एवं महाप्रबंधक के चार पदों कुल 5 पदों के सृजन की स्वीकृति.
:- श्रमिक संघ अधिनियम, 1926 में संशोधन के लिए अध्यादेश की स्वीकृति. झारखण्ड राज्य सेवा देने की गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत प्रदायी सेवाओं को अधिसूचित करने की स्वीकृति.