सीबीएसइ की तरह होगा मैट्रिक-इंटर का पाठ्यक्रम
रांची: मैट्रिक व इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में सीबीएसइ के अनुरूप बदलाव किया जायेगा. प्रश्न पत्रों के प्रारूप में भी बदलाव किया जायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को 10वीं व 12वीं के पाठ्यक्रम में सीबीएसइ के अनुरूप बदलाव का करने को […]
रांची: मैट्रिक व इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में सीबीएसइ के अनुरूप बदलाव किया जायेगा. प्रश्न पत्रों के प्रारूप में भी बदलाव किया जायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को 10वीं व 12वीं के पाठ्यक्रम में सीबीएसइ के अनुरूप बदलाव का करने को कहा था.
विभागीय के निर्देश के अनुरूप झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सीबीएसइ विषय विशेषज्ञों की कमेटी गठित की थी. कमेटी में 10वीं व 12वीं से जुड़े विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को रखा गया. शिक्षकों ने जैक बाेर्ड के विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम का अध्ययन किया. इसके बाद इसमें सीबीएसइ के अनुरूप बदलाव का ड्राफ्ट तैयार किया गया. कमेटी ने पाठ्यक्रम को लेकर अपनी रिपोर्ट झारखंड एकेडमिक काउंसिल को सौंप दी है. कमेटी की रिपोर्ट को जैक की पाठ्यक्रम समिति की बैठक में रखा जायेगा. पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुधवार को होगी. इसमें पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों के साथ-साथ सीबीएसइ के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है.
अब 80 अंकों की ही लिखित परीक्षा, कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
20 अंकाें की हाेगी आंतरिक परीक्षा
मैट्रिक व इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षा अब 80 अंकों की करने की तैयारी है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मैट्रिक व इंटर में विभिन्न विषयों की लिखित परीक्षा 80 अंक के ही लेने की अनुशंसा की है. सभी विषयों में 20 अंकों की आंतरिक परीक्षा होगी. आंतरिक परीक्षा संबंधित विद्यालय व महाविद्यालय में ली जायेगी. कमेटी ने प्रश्न पत्र के प्रारूप में बदलाव की अनुशंसा की है. जिसमें अंग्रेजी समेत कुछ विषय के प्रश्न के प्रारूप में बदलाव करने को कहा गया है. प्रश्न को स्टूडेंट फ्रेंडली बनाने की तैयारी है.
वर्षों से नहीं हुआ पाठ्यक्रम में बदलाव
राज्य में मैट्रिक व इंटरमीडिएट स्तर पर सीबीएसइ का पाठ्यक्रम लागू है, पर सीबीएसइ के अनुरूप इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया. सीबीएसइ द्वारा समय-समय पर पाठ्यक्रम को अपग्रेड किया जाता रहा है. परीक्षा के पैटर्न व प्रश्न पत्र में भी बदलाव हुआ है. झारखंड में यह बदलाव नहीं हुआ. झारखंड में भी सीबीएसइ में हुए बदलाव के अनुरूप पाठ्यक्रम व परीक्षा में बदलाव किया जायेगा.
एक माह कम होती है पढ़ाई
राज्य के माध्यमिक व प्लस टू उच्च विद्यालयों में सीबीएसइ बोर्ड की तुलना में कम दिन पढ़ाई होती है. सीबीएसइ बोर्ड के स्कूलों में साल में 228 दिन तक पढ़ाई होती है, जबकि राज्य के स्कूलों में वर्ष में 190 से 195 दिन तक पढ़ाई होती है. ऐसे में राज्य के सरकारी स्कूलों में सीबीएसइ स्कूलों की तुलना में लगभग एक माह कम पढ़ाई हाेती है. जैक द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है रिजल्ट में सुधार के लिए सीबीएसइ के अनुरूप वर्ष में कम से कम 228 दिन की पढ़ाई अनिवार्य किया जाये. जिससे कि पूरे पाठ्यक्रम की पढ़ाई मापदंड के अनुरूप हो सके.