प्रतिनिधि, डकरा एनके एरिया के महाप्रबंधक सुजीत कुमार के नेतृत्व में और केडीएच परियोजना पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह के प्रयास से केडीएच परियोजना को तीन साल के लिए एकबार फिर नया जीवन मिल गया है. पिछले 10 साल से जामुनदोहर बस्ती खाली कराने को लेकर किया गया प्रयास सफल हुआ है. जामुनदोहर में कुल 110 घरों में 106 मकान खाली करा लिये गये हैं. इसके साथ ही खनन कार्य भी शुरू कर दिया गया है. चार मकान खाली करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की शुरुआत के अप्रैल महीने में केडीएच बंद करने की स्थिति में आ गयी थी. यहां की मशीनें दूसरी परियोजना में शिफ्ट किया गया था और कामगारों को भी जरूरत के हिसाब से तबादला किया जा रहा था. लेकिन वर्तमान प्रबंधन ने बहुत कम समय में बस्ती खाली कराने में सफल रहा. पीओ अनिल कुमार सिंह ने जामुनदोहर में कैंप कर बस्तीवालों का भरोसा जीतते हुए राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों का सहयोग लेकर असंभव कार्य को अंजाम दिया है. श्री सिंह बुधवार शाम सात बजे वे 106वें व्यक्ति को जब चेक दे रहे थे तो खदान का माहौल पूरी तरह बदला हुआ था. उन्होंने बताया कि बस्ती की जमीन पर अब तीन साल तक कोयला खनन का कार्य किया जा सकेगा. यहां लगभग 50 लाख टन कोयले का भंडार है. इस कार्य को पूरा करने में अंचल कार्यालय, प्रशासन और सीसीएल के एरिया से लेकर मुख्यालय ने सहयोग किया है. एरिया का बदलेगा माहौल : जामुनदोहर बस्ती खाली होने के बाद जहां तीन साल के लिए केडीएच को नया जीवन मिल गया है, वहीं रोहिणी परियोजना में भी जुलाई के महीने से खनन कार्य शुरू हो सकता है. पुरनाडीह परियोजना में वन भूमि खाली करने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है.
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