देर रात ‘ऑपरेशन वोट जुगाड़’

रांची: रांची संसदीय क्षेत्र का रातू ब्लॉक. यहां रात के करीब एक बजे ‘ऑपरेशन वोट जुगाड़’ अभियान चल रहा था. जात-जमात की गोलबंदी के लिए पसीने बहाये जा रहे हैं. वोट बैंक बिखरे नहीं, इसके लिए ग्रामीणों का समझाने-बुझाने के लिए मुहिम में लोग जुटे रहते हैं. चुनाव का फॉमरूला, जातीय समीकरण और वोटों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2014 7:56 AM

रांची: रांची संसदीय क्षेत्र का रातू ब्लॉक. यहां रात के करीब एक बजे ‘ऑपरेशन वोट जुगाड़’ अभियान चल रहा था. जात-जमात की गोलबंदी के लिए पसीने बहाये जा रहे हैं. वोट बैंक बिखरे नहीं, इसके लिए ग्रामीणों का समझाने-बुझाने के लिए मुहिम में लोग जुटे रहते हैं.

चुनाव का फॉमरूला, जातीय समीकरण और वोटों के बिखराव के नफा-नुकसान को वोटरों को बताया जाता है. प्रत्याशियों के लिए मुंबई-कोलकाता से एक खास धर्म के कई प्रतिनिधि पहुंचे हैं. पार्टियों ने खास जमात में पकड़ रखने वाले धार्मिक संगठन के पदाधिकारियों को दूसरी जगह से बुलाया है. संगठन के लोग खास पार्टियों के प्रचार में लगे हैं. पार्टियां इनको चुनाव प्रचार के लिए हर सुविधा मुहैया करा रही है. गांव-गांव में बैठक हो रही है. विरोधी दल के एक-एक कदम पर इनकी नजर होती है. विरोधी दलों की सभा दिन में जहां हुई, देर रात बाहर से आये प्रतिनिधि खास वोट बैंक को समेटने की मुहिम में जुट जाते हैं.

देर रात तक मुहिम में लगे रहते हैं प्रत्याशी : राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी देर रात तक चुनावी मुहिम में जुटे रहते हैं. अहले सुबह से ही प्रत्याशियों के घर पर नेता-कार्यकर्ता जुटने लगते हैं. सुबह नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ मिलने-जुलने के बाद प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान और कार्यक्रम में निकल जाते हैं. प्रत्याशी रात के एक से दो बजे तक चुनावी अभियान में जुटे रहते हैं. चुनावी दौरे से लौटने के बाद भी प्रत्याशी अपने-अपने घर पर पार्टी के करीबी लोगों के साथ बैठक में जुट जाते हैं. चुनावी टेंशन प्रत्याशियों पर भारी है. रात की नींद और चैन गायब है. एक-एक वोट को पुख्ता करने की रणनीति चल रही है.

Next Article

Exit mobile version