खेल-खेल में पढ़ाई के लिए हर प्रकार के खिलौने उपलब्ध, जेल में बच्चों को मिलती है हर सुविधा, चलता है प्ले स्कूल

रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार (रांची जेल) में महिला कैदियों के साथ 13 बच्चे रहते हैं. उन बच्चों की उम्र एक से लेकर पांच साल तक है़ जेल में उनके लिए हर प्रकार की सुविधा है़. जेल में उन बच्चों के लिए प्ले स्कूल है़ प्ले स्कूल में खेल-खेल में पढ़ाई के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 7:34 AM
रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार (रांची जेल) में महिला कैदियों के साथ 13 बच्चे रहते हैं. उन बच्चों की उम्र एक से लेकर पांच साल तक है़ जेल में उनके लिए हर प्रकार की सुविधा है़. जेल में उन बच्चों के लिए प्ले स्कूल है़ प्ले स्कूल में खेल-खेल में पढ़ाई के लिए खिलौने, इंगलिस, हिंदी लिखे हुए शब्द के खिलौने, गिनती सीखने के लिए खिलौने रखे गये हैं.

बच्चों की प्री नर्सरी तक पढ़ाई जेल मेें हो जाती है़ पांच वर्ष से अधिक के बच्चों को मां के साथ नहीं रहने दिया जाता़ महिला कैदी ही उन बच्चों को पढ़ना-लिखना सिखाती हैं. महिला कैदियों के वार्ड में ही प्ले स्कूल चलता है़ वह वार्ड पुरुष कैदियों के वार्ड से एक दम अलग है. उधर पुरुष कैदियों का जाना वर्जित है़ महिला कैदियों के वार्ड की सुरक्षाकर्मी भी महिला ही रहती हैं.

बच्चों का बर्थ डे भी मनाया जाता है जेल में : जेल में बच्चों का बर्थ डे भी मनाया जाता है़ बर्थ डे महिला वार्ड में ही घर की तरह मनाया जाता है़ केक काटे जाते हैं. बैलून व रिबन आदि से वार्ड काे सजाया जाता है़.

महिला बंदी के बच्चे को यह अहसास ही नहीं होता कि वे घर में नहीं हैं. बच्चे के बर्थडे मेें जेल प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होते हैं. बच्चों को हर प्रकार की सुविधा दी जाती है़ बच्चों को स्पेशल डायट दिया जाता है़ उनके खाने में सेव, केला, संतरा सहित मौसमी फल दिया जाता है़ दूध हमेशा उपलब्ध रहता है़ बच्चों को मनोरंजन के लिए जेल के आसपास पार्क में ले जाया जाता है़ कभी-कभी उन्हें निगम के पार्क में भी ले जाया जाता है़ बिस्कुट जेल में उपलब्ध है़ यदि जेल अधीक्षक व जेलर उस वार्ड में जाते हैं, तो टॉफी भी ले जाते हैं.

समय-समय पर होता है टीकाकरण
सभी बच्चों का समय-समय पर टीकाकरण होता है़ उनका वजन व लंबाई मापने के लिए सुविधा भी उपलब्ध है़ एक लेडी डॉक्टर उनकी देखभाल के लिए हमेशा उपलब्ध है़ यदि कोई बच्चा अधिक बीमार हो जाता है, तो उसे रिम्स के चाइल्ड स्पेशलिस्ट से दिखाया जाता है़ यदि आवश्यकता पड़ती है, तो बच्चों को रिम्स में भर्ती भी करा दिया जाता है़

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