प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि गुजरात और बिहार में जब पूर्ण शराबबंदी हो सकती है तो झारखंड में भी लागू किया जा सकता है़ शराबबंदी से सैकड़ों घर बर्बाद और सड़क हादसे होने से बच जायेंगे़ कहा गया कि एक तरफ गांव के हाट–बाजार में हर दसवें कदम पर शराब बनती और बिकती है और दूसरी तरफ सरकार कहती है कि नशामुक्त गांव को एक लाख का इनाम दिया जायेगा़ ये बात समझ से परे है़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल और स्टेट हाइवे पर शराब दुकानों को बंद किये जाने के बाद उसे गली–मुहल्ले और बस्ती में खोला जा रहा है, इस कारण रोज टकराव हो रहा है़.
झारखंड में अपराध और महिला हिंसा की जड़ में शराब है़ इसके बावजूद सरकार शराब बंद करने से बच रही है़ रोज किसी की मांग उजड़ रही है, तो किसी की गोद सुनी हो रहा है़ सरकार का राजस्व के मोह में स्वयं शराब बेचना चिंताजनक है़ प्रतिनिधिमंडल में महिला संघ की प्रदेश अध्यक्ष वायलेट कच्छप, उपाध्यक्ष पार्वती देवी, शोभा पाल, जिलाध्यक्ष रीना केरकेट्टा और फूलकुमारी देवी शामिल थी़ं