नवरात्र विशेष : दुर्गापूजा में झारखंड की इन बेटियों के हौसले को सलाम कीजिये
रांची : एक ओर नवरात्र में देश के बड़े हिस्से में मां दुर्गा की पूजा अर्चना हर्षोल्लास के साथ हो रही है, वहीं हमारे समाज के लिए भी बेहतर करने वाली कई दुर्गाएं हमारे बीच हैं. ऐसे मौके पर इनको भी सम्मान मिलना चाहिए. पत्रकार सन्नी शरद ने झारखंड की ऐसी ही बेटियों में से […]
रांची : एक ओर नवरात्र में देश के बड़े हिस्से में मां दुर्गा की पूजा अर्चना हर्षोल्लास के साथ हो रही है, वहीं हमारे समाज के लिए भी बेहतर करने वाली कई दुर्गाएं हमारे बीच हैं. ऐसे मौके पर इनको भी सम्मान मिलना चाहिए. पत्रकार सन्नी शरद ने झारखंड की ऐसी ही बेटियों में से कुछ को ढूंढ़ निकाला है. इन बेटियों से हम आपका परिचय करा रहे हैं, जो अपने गांव को शराबमुक्त बनाने की मुहिम में जी जान से जुटी हुई हैं. सन्नी शरद के वाल से …
बदलाव की बात हर कोई करता है लेकिन प्रयास कम ही लोग कर पाते हैं, और शुरुआत तो कुछ ही लोग करते हैं. लेकिन रांची की इन 30 लड़कियों ने न सिर्फ बदलाव के बारे में सोचा, बल्कि उसकी शुरुआत भी अपने घर से कर रही है. रांची से सटा एक गांव है भूसुर. 125 परिवार उस गांव में रहते हैं. लगभग हर घर में शराब बनती है और सभी लोग पीते भी हैं. पुरुष के साथ- साथ महिलाएं भी शराब का सेवन करती हैं.
ये 30 लड़कियां जब गांव से निकलकर शहर तक पहुंची, कुछ पढ़ी लिखी तो इनको शराब की लत से होने वाले नुकसान का एहसास हुआ. एहसास हुआ कि कैसे कुसुम के पापा को टीवी हो गया. मां बीमार हो गयी और कुसुम असहाय हो गयी. और कोई लड़की कुसुम न बने इसको लेकर इसी सितम्बर माह में इन युवतियों ने एक सखी सहेली नाम से ग्रुप बनाया, और ठाना की गांव में शराब के खिलाफ अभियान चलायेंगी.
इस अभियान की शुरुआत किसी चौराहे से नहीं बल्कि अपने अपने घर से होगी. लड़कियों ने अपने घर वालों को समझाना शुरू किया. यहां तक की उन्हें चेतावनी तक दी की 2 अक्तूबर तक शराब छोड़ दें नहीं तो वे सारे सामान के साथ घर छोड़ देंगी, धरना दे देंगी. घर से शुरू लड़कियों के इस अभियान का असर ये हुआ की 20 प्रतिशत परिवार ने शराब छोड़ दी. अब ये लड़कियों शराब बनने और बिकने के ठेके पर जाकर लोगों को समझा रही हैं… उन्हें बता रही हैं कि कैसे शराब उनके जीवन को बर्बाद कर रहा है.
अच्छी बात यह है कि अब गांव वाले भी इनके इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं. अभीतक कई लोग धीरे-धीरे शराब पीना कम कर चुके हैं, कुछ तो छोड़ भी चुके हैं. इन लड़कियों को भरोसा है कि एक दिन इनका गांव नशा मुक्त गांव बनेगा और मिशाल के तौर पर प्रदेश में उभरेगा. इसलिए दुर्गा पूजा में इन 30 बेटियों के हौसले को सलाम कीजिये क्यूंकि दुर्गा के रूप में ये बेटियां समाज की कुरीतियों को दूर कर रही हैं.