20 सूत्री समिति की तैयार हो रही है नयी वेबसाइट

रांची : राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, झारखंड की नयी वेबसाइट तैयार हो रही है. नेशनल इंफोरमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) यह वेबसाइट तैयार कर रहा है, जिसमें समिति व इसके विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़े सभी आंकड़े उपलब्ध होंगे. इससे समिति का न सिर्फ डिजिटाइजेशन हो जायेगा, बल्कि इसके कार्यों में भी पारदर्शिता आयेगी. समिति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2017 7:36 AM
रांची : राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, झारखंड की नयी वेबसाइट तैयार हो रही है. नेशनल इंफोरमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) यह वेबसाइट तैयार कर रहा है, जिसमें समिति व इसके विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़े सभी आंकड़े उपलब्ध होंगे. इससे समिति का न सिर्फ डिजिटाइजेशन हो जायेगा, बल्कि इसके कार्यों में भी पारदर्शिता आयेगी.

समिति के उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर लोगों से 20 सूत्री कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहयोग की अपील की है. श्री प्रसाद के अनुसार, उनके कार्यकाल में राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य 20 सूत्री समिति की बैठक (16 दिसंबर 2016 को) हुई. इसका श्रेय मुख्यमंत्री रघुवर दास को जाता है. हर छह माह के अंतराल पर राज्य समिति की बैठक का प्रावधान है. इसलिए पांच जुलाई 2017 को इसकी दूसरी बैठक भी हुई, जिसमें पहली बैठक के सुझाव व शिकायत पर अमल संबंधी पुस्तिका का वितरण समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों के बीच किया गया. इस बैठक के बाद जिला व प्रखंड स्तरीय समितियों की बैठक का आयोजन भी हुआ है.
क्या है 20 सूत्री कार्यक्रम : यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबी कम करने तथा गरीबों तक कल्याणकारी योजनाअों व कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाने के लिए 1975 में शुरू किया था.

इसके बाद इसके कार्यक्रमों को पहले 1982 व फिर 1986 में पुनर्गठित किया गया. सबसे ताजा पुनर्गठन वर्ष 2006 का है. अब 20 सूत्री कार्यक्रम में गरीबी उन्मूलन, आम लोगों का सशक्तीकरण, किसानों को सहयोग, श्रमिक कल्याण, खाद्य सुरक्षा, शुद्ध पेयजल, सबको आवास, स्वास्थ्य व शिक्षा, एससी-एसटी-अोबीसी व अल्पसंख्यकों का कल्याण, महिला व बाल कल्याण, युवाअों का विकास, झुग्गी-झोपड़ी इलाके की बेहतरी, पर्यावरण संरक्षण व वनरोपण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण पथ, ग्रामीण विद्युतीकरण, पिछड़े इलाके का विकास तथा आइटी का प्रयोग व ई-गवर्नेंस शामिल है. राज्य, जिला व प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री समितियों का काम विभिन्न विभागों के जरिये संचालित इन कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग करना है.

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