गोशाला को प्रति जानवर अब 50 नहीं 100 रुपये मिलेगा अनुदान : रणधीर

रांची : कृषि एवं पशुपालन मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने गोशाला को आवारा पशुओं को पालने के लिए मिलने वाली अनुदान में वृद्धि की घोषणा की है. बुधवार को होटल बीएनआर में आयोजित विश्व पशु कल्याण दिवस के मौके पर कहा कि अभी गोशाला को प्रति जानवरों को 50 रुपये अनुदान मिलता है. इसे 100 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2017 8:52 AM
रांची : कृषि एवं पशुपालन मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने गोशाला को आवारा पशुओं को पालने के लिए मिलने वाली अनुदान में वृद्धि की घोषणा की है. बुधवार को होटल बीएनआर में आयोजित विश्व पशु कल्याण दिवस के मौके पर कहा कि अभी गोशाला को प्रति जानवरों को 50 रुपये अनुदान मिलता है. इसे 100 रुपये करने की योजना है. जो इसी साल से बढ़ा दिया जायेगा. मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार गोशाला को सशक्त कर रही है. अब तक 21 गोशाला का निबंधन हुआ है.

राज्य गठन के बाद से 2014 तक गोशाला को अनुदान के रूप में पांच लाख रुपये मिला था. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 10 करोड़ से अधिक राशि का वितरण हो चुका है. सरकार के पास गोशाला को अनुदान देने के लिए पैसे की कमी नहीं है. इसलिए जिन गोशाला ने निबंधित नहीं कराया है, वे निबंधन करा लें. सरकार उनको भी अनुदान देगी.

पशुओं के लिए प्रमंडलों में होगा एंबुलेंस
पशुपालन विभाग के निदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी प्रमंडल में पशुओं के लिए एक-एक एंबुलेंस खरीदी जायेगी. पशुओं के कल्याण के लिए संचालित स्कीम के लिए सांसदों से भी राशि लेने का आग्रह होगा. सरकार इस मामले में खनिज विकास निगम की राशि भी दे सकती है. राज्य में पशु क्रूरता के अब तक 44 मामले दर्ज किये गये हैं. इसमें 3000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. करीब 30 लाख रुपये अर्थ दंड लगाया गया है. कार्यक्रम का संचालन डॉ अपर्णा पांडेय ने किया. पशुपालन विभाग, नगर निकाय, पुलिस विभाग व गोशाला के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. विशेष वक्ता के रूप में भारत सरकार के जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य सुनील मानसिंघका ने भी विचार रखा.
काम नहीं कर रही जिला स्तरीय समिति
पशुपालन व कृषि विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि जानवरों की तस्करी रोकने के मामले में विभाग का सूचना तंत्र कमजोर है. आज तक जिला स्तरीय पशु क्रूरता निवारण समिति ने एक भी शिकायत नहीं की है. आने वाले दिनों में यही स्थिति रही तो इसे बंद कर दिया जायेगा. कहीं-कहीं तो समिति, पशु तस्करी और अवैध बूचड़खाने के संचालन में भी सहयोग कर रही है.

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