पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड का मास्टरमाइंड उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर निवासी पंकज सिंह ने अपने बयान में पूरे मामले में प्रत्यक्ष रूप से विधायक संजीव सिंह का नाम नहीं लिया है. पुलिस रिमांड के दौरान स्वीकारोक्ति बयान में मिला-जुला जवाब दिया है. 48 घंटे की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद पंकज को सरायढेला पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेशी के बाद धनबाद जेल भेज दिया है. सरायढेला थाना प्रभारी सह हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी की ओर से सीजेएम कोर्ट में पंकज सिंह का स्वीकारोक्ति बयान जमा किया गया है. बयान में पूरी घटना की कड़ी को जोड़ा गया है. पंकज ने स्वीकारोक्ति के साथ-साथ मामले में खुद को बेकसूर भी बताया है. पंकज की ओर से कहा गया है कि सिंह मेंशन में 16 फरवरी को विधायक के साथ संतोष सिंह, डब्लू मिश्रा, संजय सिंह (रंजय के भाई) व धनजी सिंह मौजूद थे. बैठक में रंजय सिंह की हत्या का बदला लेने की बात हुई थी. पंकज के बयान में यह उल्लेख नहीं है कि रंजय की हत्या के बदले किस व्यक्ति की हत्या करनी थी.
पंकज के बयान में उल्लेख है कि विधायक जी, रंजय व संतोष ने कोयला कारोबार के लिए उसे प्रोत्साहित किया. इनलोगों को ईंट भट्ठा सेट करने को कहा.
पंकज सिंह ईंट भट्ठा के लिए कोयला ले जाता था. इसी दौरान वह यूपी से धनबाद आता था और मेंशन में रूकता था. रंजय व संतोष के साथ रंजय के भाई संजय समेत अन्य लोगों से उसकी दोस्ती हो गयी थी. रंजय ने झरिया के सतीश से मोबाइल सिम दिलवाया था. इसी सिम का वह उपयोग करता था. संतोष ने 29 जनवरी को फोन कर बोला कि रंजय की हत्या हो गयी. वह फोन कर धनबाद बुलाया. यूपी से वह 15 फरवरी को चला और 16 फरवरी को धनबाद पहुंचा. सिंह मेंशन में इसी दिन बैठक हुई थी, जिसमें योजना बनी कि रंजय की हत्या का बदला लेना है. वह 20 फरवरी को फिर धनबाद से यूपी चला गया.