profilePicture

व्यापारियों ने कहा: उम्मीदों पर फिरा पानी, जटिल प्रक्रिया से हो रही है परेशानी, व्यापार हुआ चौपट, बिक्री घट कर हुई आधी

रांची : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद व्यापारियों को महीने में तीन बार रिटर्न भरना पड़ रहा है. यह उनके लिए काफी मुश्किलों भरा काम है. चूंकि पोर्टल भी सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है, इसलिए वे खुद से रिटर्न भर नहीं पा रहे हैं. वहीं, छोटे दुकानदारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2017 7:42 AM
रांची : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद व्यापारियों को महीने में तीन बार रिटर्न भरना पड़ रहा है. यह उनके लिए काफी मुश्किलों भरा काम है. चूंकि पोर्टल भी सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है, इसलिए वे खुद से रिटर्न भर नहीं पा रहे हैं. वहीं, छोटे दुकानदारों की मुश्किलें अलग हैं.

सवाल उठ रहे हैं कि आखिर छोटे दुकानदार सीए का खर्च कैसे वहन कर पायेंगे? व्यापारियों की मानें, तो नोटबंदी के बाद से ही व्यापार चौपट हो गया है. शहर के व्यापारियों का कहना है कि पहली बार ऐसी स्थिति आयी है. पूजा में उम्मीद थी, व्यापार बढ़िया होगा, लेकिन इस पर भी पानी फिर गया.


व्यापार कब तक पटरी पर लौट पायेगी, यह समझ में नहीं आ रहा है. ज्वेलरी से लेकर कपड़ा व्यवसाय तक पर जीएसटी का असर दिख रहा है. खास कर छोटे व मंझोले व्यापारी काफी परेशानी में हैं. उनका कहना है कि अधिकांश समय पेपर वर्क में ही बीत रहा है. रिटर्न खुद फाइल नहीं कर पा रहे हैं. जीएसटी के बाद व्यापार चौपट हो गया है. आभूषण व्यवसायी बताते हैं कि ग्राहकों के इंतजार में पूरा दिन बीत रहा है. गहनों पर एक प्रतिशत के बजाय तीन प्रतिशत टैक्स किये जाने का असर यह हुआ है कि बहुत जरूरी होने पर लोग लाइट वेट वाले गहने खरीदारी रहे हैं. बिक्री घट कर आधी हो गयी है. आइडी प्रूफ अनिवार्य किये जाने से भी काफी परेशानी हो रही है.

Next Article

Exit mobile version