रांची: शैक्षणिक सत्र 2018-19 से निजी स्कूल अब मनमानी शुल्क बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग झारखंड रेगुलेशन फॉर कंट्रोल ऑफ फीस एक्ट को अगले शैक्षणिक सत्र से पहले लागू करने की तैयारी कर रहा है. एक्ट के ड्राफ्ट को विधि विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद अब स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की मंत्री डॉ नीरा यादव ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है. विभागीय मंत्री की मंजूरी के बाद विभाग अब इसे कैबिनेट भेजने की तैयारी कर रहा है. कैबिनेट की स्वीकृति के बार विधानसभा की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.
विभागीय सूत्रों का कहना है कि शीतकालीन सत्र में एक्ट को पास करने के लिए विधानसभा को भेज दिया जायेगा. विधानसभा से पारित होने के बाद यह प्रभावी हो जायेगा. झारखंड रेगुलेशन फॉर कंट्रोल ऑफ फीस एक्ट के लागू होने के बाद निजी स्कूल की फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण किया जा सकेगा. एक्ट के लागू होने से राज्य के निजी स्कूल अब प्रति वर्ष मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे. सभी स्कूलों में विद्यालय प्रबंध समिति और अभिभावक संघ के प्रतिनिधि की आम सहमति से ही फीस तय की जायेगी. तय फीस के प्रारूप को जिलों में गठित जिला स्तरीय शुल्क निर्धारण कमेटी को भेजा जायेगा. जिला स्तरीय कमेटी की सहमति के बाद ही स्कूल फीस में बढ़ोतरी की जा सकेगी. इसमें जिला स्तरीय कमेटी बदलाव भी कर सकती है.
जिला स्तरीय कमेटी की ओर से निर्धारित शुल्क से सहमत नहीं होने पर स्कूल हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय कमेटी के समक्ष अपनी शिकायत कर सकते हैं. कमेटी में प्राथमिक शिक्षा निदेशक व राज्य स्तर पर गठित अभिभावक संघ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
शुल्क निर्धारण में इनका रखा जायेगा ध्यान
बच्चों के शिक्षण शुल्क में कितनी बढ़ोतरी होगी, इसका निर्धारण में स्कूल के उपलब्ध संसाधन का भी ध्यान रखा जायेगा. देखा जायेगा कि विद्यालय शहरी क्षेत्र में स्थित हैं या ग्रामीण क्षेत्र में. विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या, पुस्तकालय, प्रयोगशाला का स्तर, पेयजल, शौचालय, भवन की स्थिति, कंप्यूटर शिक्षा और शिक्षक की योग्यता मापदंड के अनुरूप हैं या नहीं. इसके अलावा शिक्षकों व कर्मचारियों का मिलनेवाला वेतन, पठन-पाठन पर किये जानेवाले खर्च, स्कूलों द्वारा लिये जानेवाले शुल्क व दी जानेवाली सुविधाओं को ध्यान में रख फीस का निर्धारण किया जायेगा. स्कूलों को शुल्क निर्धारण के प्रस्ताव के साथ यह जानकारी भी जिला स्तरीय कमेटी को देनी होगी.