रांची : विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में नक्सली कुंदन पाहन व बलराम साहू को एनआइए (नेशनल इंनवेस्टीगेशन एजेंसी) ने फिर से दो दिन की रिमांड पर लिया है. जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश शंभु लाल साव की अदालत में आवेदन देकर दोनों को चार दिन की रिमांड पर लेने का आग्रह किया था. सुनवाई के दौरान राजा पीटर व कुंदन पाहन के अधिवक्ताओं ने रिमांड का विरोध किया.
कुंदन पाहन के अधिवक्ता ने कहा कि पहले भी एनआइए ने उसे पांच बार कुल 15 दिन की रिमांड पर लिया था. ऐसे में फिर से रिमांड पर लेने का क्या औचित्य. इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कुंदन पाहन की भी कोर्ट में पेशी हुई थी. अदालत में राजा पीटर की पत्नी आरती भी मौजूद थी़
एनआइए ने तीन आवेदन : एनआइए ने अदालत में बुधवार को तीन आवेदन दिये. पहला आवेदन कुंदन पाहन व बलराम साहू को चार दिन की रिमांड पर लेने का. दूसरा मामले में जब्त किया गये सील सामान को खोलने की अनुमति के लिए और तीसरा आवेदन आरोपियाें की स्वीकारोक्ति के अलावा 164 के बयान की कॉपी उन्हें नहीं देने के लिए. एनआइए का कहना था कि चार्जशीट अदालत में पेश करने के बाद ही बयान की कॉपी दी जा सकती है. राजा पीटर के अधिवक्ता रोहित सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए इस मामले में अगले दिन अपना पक्ष रखने की अनुमति अदालत से मांगी. गुरुवार को भी इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे.
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खोली गयी सील वस्तु : एनआइए की ओर से सील की गयी वस्तुओं को अदालत में विशेष न्यायाधीश व आरोपियाें के अधिवक्ताओं के सामने खोला गया. लिफाफा, डायरी व सीडी खाेले गये. लिफाफे में सील मोहर के साथ टेप भी सटा हुआ था, इस पर राजा पीटर के अधिवक्ता रोहित सिन्हा ने आपत्ति जतायी़ इस पर एनआइए के एसपी ने कहा कि सामान टूटे नहीं, इसलिए टेप लगाया गया है.
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अारोपों को स्वीकार नहीं कर रहे राजा पीटर : राजा पीटर से एनआइए के अधिकारियों ने बुधवार को भी पूछताछ की़ इस दौरान कहा कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या उसने नहीं करायी. उसे फंसाया जा रहा है़
राजा पीटर ने ही सुपारी देकर करायी थी हत्या : नक्सली राम मोहन मुंडा ने धारा 164 के तहत 11 पेज में अपना बयान कलमबद्ध कराया है. अपने बयान में उसने कहा है कि जदयू विधायक रमेश सिंह मुंडा का कार्यक्रम बुंडू के स्कूल में था, इसकी जानकारी उनके अंगरक्षक शेषनाथ सिंह खरवार ने गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को उपलब्ध करायी थी. राजा पीटर ने यह जानकारी हमलोगों काे दी थी. इसके आधार पर ही घटना को अंजाम दिया गया. घटना में मेरे अलावा कुंदन पाहन, बलराम साहू, संदीप साहू और दस्ते के अन्य लोग शामिल थे. घटना के बाद हमलोगों ने पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूटे थे. पूरी कार्रवाई माओवादी पोलित ब्यूरो के निर्देश पर हुई थी. घटना से पहले जंगल में एक गाड़ी से कुछ लोग आये थे, जिनके साथ कुंदन पाहन और अन्य नक्सलियों की मीटिंग भी हुई थी.