किस अभ्यर्थी ने नीट के आवेदन में झारखंड का निवासी बताया, जांच करें : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रम में झारखंड से बाहर के अभ्यर्थियों के नामांकन काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) को निर्देश दिया कि वह इस बात की जांच करे कि किस अभ्यर्थी (नामांकित) ने […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रम में झारखंड से बाहर के अभ्यर्थियों के नामांकन काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) को निर्देश दिया कि वह इस बात की जांच करे कि किस अभ्यर्थी (नामांकित) ने सीबीएसइ द्वारा मांगे गये नीट के आवेदन में झारखंड का निवासी बताया है. जांच में पता चलता है कि उसने अपने को आवेदन में झारखंड का नहीं बताया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाये.
इसके अलावा अदालत ने सीबीएसइ, एमसीआइ व जेसीइसीइबी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता महेश तिवारी ने अदालत को बताया गया कि जेसीइसीइबी ने एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए नीट सफल अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा था. उसके बाद मेरिट लिस्ट बना कर नामांकन के लिए चयन किया गया. 300 अभ्यर्थियों में से आधे अभ्यर्थी झारखंड के बाहर के हैं, जिनका नामांकन मेडिकल कॉलेजों में हो गया है. इसी तरह के मामले में मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने नामांकन को रद्द कर दिया था. उस आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश को सही ठहराया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शांतनु कुमार शर्मा ने याचिका दायर कर बाहर के अभ्यर्थियों का नामांकन रद्द करने की मांग की है.