जीएसटी ने बढ़ायी मुश्किल, सपनों का आशियाना बनाना और उसे संवारना दोनों हो गये महंगे
रांची: केंद्र सरकार की ओर से लागू किये गये गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की वजह से आम आदमी के लिए मकान बनाना और उसे खूबसूरती से संवारना दोनों महंगे हो गये हैं. केंद्र सरकार की ओर से घर का ढांचा खड़ा करने में लगनेवाली वस्तुओं पर 18 प्रतिशत से लेकर 29 प्रतिशत तक का […]
रांची: केंद्र सरकार की ओर से लागू किये गये गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की वजह से आम आदमी के लिए मकान बनाना और उसे खूबसूरती से संवारना दोनों महंगे हो गये हैं. केंद्र सरकार की ओर से घर का ढांचा खड़ा करने में लगनेवाली वस्तुओं पर 18 प्रतिशत से लेकर 29 प्रतिशत तक का जीएसटी लिया जा रहा है. सरिया-लोहे में यह दर 18 प्रतिशत है, जबकि सीमेंट में 29 प्रतिशत जीएसटी चार्ज किया जा रहा है. इतना ही नहीं घर का ढांचा तैयार होने के बाद उसे खूबसूरत बनाने में और अधिक पैसे लोगों को खर्च करने होंगे.
मार्बल, टाइल्स और अन्य सजावटी वस्तुओं पर केंद्र सरकार ने 28 प्रतिशत की अधिकतम कर लगाया है. स्थानीय स्तर पर उत्पादित मार्बल की दर 18 प्रतिशत तक तय की गयी है. इतना ही नहीं बिजली और प्लंबिंग मेटेरियल पर भी 18 प्रतिशत से अधिक दर ली जा रही है. यहां यह बताते चलें कि पूर्व में जहां एक वर्ग फीट के लिए 1200 से 13 सौ रुपये लगता था.
वह दर अब बढ़ कर 15 सौ रुपये से अधिक हो गयी है. व्यक्तिगत तौर पर मकान बनानेवाले लोगों को मजदूरी का खर्च मेटेरियल से अधिक लगाना पड़ रहा है. मजदूरी की दर इन दिनों काफी बढ़ी हुई है. इसकी वजह से निर्माण लागत भी बढ़ गयी है. अमूमन 20 से 25 प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ लोगों को वहन करना पड़ रहा है. सरकार की तरफ से ईंट, बालू और गिट्टी में भी जीएसटी लगा दिया गया है. इससे इनके उत्पादकों और खरीदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईंट, बालू और गिट्टी पर पांच प्रतिशत से अधिक का जीएसटी लिया जा रहा है.