- डेयरी जा रहे टैंकर को बीच रास्ते में रोककर उसमें से दूध निकाल लेते हैं अवैध कारोबारी
- दूध के टैंकर के चालक और खलासी की मिलीभगत से होता है दूध की कटिंग का खेल
- स्थानीय थाने की पुलिस को भी मुनाफे का कुछ हिस्सा देते हैं दूध के अवैध कारोबारी
- अब एसएसपी ने अपने स्तर पर गठित की है विशेष टीम, जो करती है छापेमारी की कार्रवाई
- छापेमारी के बाद कार्रवाई के लिए आरोपियों को सौंपा जात है स्थानीय थाने की पुलिस को
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गोरखधंधा: आम लोगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़, थानों से सेटिंग कर टैंकर से की जाती है दूध की चोरी
ओरमांझी से नामकुम के बीच एनएच-33 के किनारे दूध के टैंकरों में कटिंग (चोरी) का खेल जोरों पर चल रहा है. दूध का टैंकर लेकर जा रहे चालक और खलासी हाइवे के किनारे किसी परिसर में टैंकर रोककर उसमें से दूध निकाल कर बेच देते हैं और टैंकर में पानी मिलाकर गंतव्य की ओर रवाना […]
ओरमांझी से नामकुम के बीच एनएच-33 के किनारे दूध के टैंकरों में कटिंग (चोरी) का खेल जोरों पर चल रहा है. दूध का टैंकर लेकर जा रहे चालक और खलासी हाइवे के किनारे किसी परिसर में टैंकर रोककर उसमें से दूध निकाल कर बेच देते हैं और टैंकर में पानी मिलाकर गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं. इसकी जानकारी स्थानीय थानों की पुलिस को भी रहती है, लेकिन दूध के अवैध कारोबारियों के खिलाफ न तो पुलिस छापेमारी करती है और न ही कोई कार्रवाई की जाती है. जाहिर है कि बिना थानों से सेटिंग किये हुए दूध की कटिंग का धंधा नहीं चल रहा है. तभी तो दूध के अवैध कारोबारियों की धरपकड़ के लिए खुद एसएसपी को विशेष टीम (क्यूआरटी) भेजना पड़ रहा है.
रांची: दूध के टैंकर में कटिंग के खेल पर लगाम कसने के लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने एक विशेष टीम गठित की है. इसी टीम ने 12 अक्तूबर को ओरमांझी में छापेमारी कर दूध की कटिंग कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया था. साथ ही कई सामान जब्त किये थे. बाद में इस कार्रवाई की जानकारी स्थानीय थाना की पुलिस को दी गयी और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
इससे पूर्व चार जून को भी नामकुम में एसएसपी की स्पेशल टीम ने ही छापेमारी कर दूध चोरी करने वालों को पकड़ा था. जिन इलाकों से दूध का अवैध कारोबार चलता है, वहां के स्थानीय लोगों का आरोप है कि रात में पेट्रोलिंग करनेवाली स्थानीय थाना की गश्ती गाड़ी में तैनात पुलिस पदाधिकारी कटिंग वाले प्वाइंट को जानते हैं, लेकिन जानबूझ कर वहां छापेमारी के लिए नहीं जाते हैं. संभवत: दूध के अवैध कारोबारी इसके लिए हर माह एक तय रकम थानों तक पहुंचाते हैं. यही वजह है जब एसएसपी की विशेष टीम छापेमारी करने पहुंचती है, तो पहले से इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी जाती है.
प्रत्येक टैंकर से होती है 500-700 लीटर दूध की चोरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति टैंकर से एक अनुमान के अनुसार करीब 500-700 लीटर दूध की चोरी होती है. दूध चोरी के बाद इतनी ही मात्रा में इसमें केमिकल युक्त पानी मिला दिया जाता है, ताकि टैंकर में दूध नापी के दौरान कम न निकले और चालक पर दूध कंपनी के अधिकारियों को कभी संदेह न हो.
एसएसपी की विशेष टीम ने हाल ही में की कार्रवाई
एसएसपी द्वारा गठित स्पेशल टीम ने ओरमांझी थाना क्षेत्र के भेड़ा पुल स्थित जिदू मोड़ के समीप ऑसम कंपनी के टैंकर से दूध की कटिंग करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया. मौके से सिंटैक्स की टंकियां, मोटर पंप और अन्य सामान भी जब्त किये गये हैं. दूध का टैंकर चांडिल जा रहा था. गिरफ्तार किये लोग में पालू गांव निवासी सागर साहू, दिलीप साहू, रोगन महतो, और टैंकर चालक सुधीर कुमार सिंह शामिल थे. सागर साहू और दिलीप साहू तीन वर्ष पूर्व में दूध चोरी करने के आरोप में जेल जा चुके हैं.
04 जून 2017: एसएसपी द्वारा गठित स्पेशल टीम ने नामकुम रिंग रोड के किनारे मेधा डेयरी के टैंकर से दूध चोरी करते हुए और गिरफ्तार किया था. टैंकर से दूध हाजीपुर जा रहा था. गिरफ्तार लोगों में टैंकर का चालक सिकंदर यादव, खलासी पुटुस यादव के अलावा रोशन लाल महतो, अजय महतो, जगदीश महतो और अर्जुन शामिल था. तब यह बात सामने आयी थी कि दूध की चोरी टैंकर के चालक और खलासी के सहयोग से होती है. इसके एवज में उन्हें रुपये मिलते हैं. दूध चोरी करने के बाद टैंकर में उतना की केमिकल युक्त पानी भर दिया जाता था.
हाइवे के किनारे चलता है खेल
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