महिला मानसिक रोगियों की दशा सुधारने के लिए मॉनिटरिंग करेगा महिला आयोग

रांची : रांची सहित देश भर के मन:चिकित्सा संस्थानों में भरती महिला रोगियों की दशा को मॉनिटर करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने कदम उठाये हैं. इसके लिए आयोग द्वारा सभी मानसिक अस्पतालों में एक रिपोर्टर की नियुक्ति करने का फैसला लिया गया है. आरंभ में यह नियुक्ति अनुबंध के आधार पर दो वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2017 9:45 AM
रांची : रांची सहित देश भर के मन:चिकित्सा संस्थानों में भरती महिला रोगियों की दशा को मॉनिटर करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने कदम उठाये हैं. इसके लिए आयोग द्वारा सभी मानसिक अस्पतालों में एक रिपोर्टर की नियुक्ति करने का फैसला लिया गया है. आरंभ में यह नियुक्ति अनुबंध के आधार पर दो वर्ष के लिए या अधिकतम 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो पहले) के लिए की जायेगी. नियुक्त अभ्यर्थी को 90 हजार रुपये समेकित मानदेय दिये जायेंगे.

इस मानदेय के अंतर्गत निरीक्षण क्षेत्र के स्तर पर कार्य करने सचिवीय व अन्य व्यय की प्रतिपूर्ति भी शामिल होंगे. रिपोर्टर ऐसे व्यक्ति होंगे, जो भारत सरकार या राज्य सरकार में बड़े पद पर हों या ऐसा ख्यातिप्राप्त एकेडमी का सदस्य या प्राख्यात व्यक्ति हो, जिनके पास जेंडर (लिंग) अौर मानवीय अधिकारों से संबंधित विषयों का ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव हो. प्रथम तीन माह के अंत में किये गये कार्य की प्रगति अौर इसके बाद प्रत्येक छह माह के अंतराल पर किये गये कार्य की प्रगति की समीक्षा के बाद ही दो वर्ष की अवधि के लिए इनकी नियुक्ति की जायेगी.


आयोग से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्टर की प्राथमिक जिम्मेदारी आयोग द्वारा चिह्नित किये गये संस्थानों में महिलाअों की स्थिति अौर दशा सुधारने के संबंध में नियमित परीक्षा, मॉनिटर, मूल्यांकन, सलाह अौर आयोग को रिपोर्ट देने की है. विशेष प्रक्रियाअों द्वारा किये गये क्रियाकलाप जैसे कि दौरा करना अौर चिह्नित संस्थाअों के सहयोग से अपेक्षित कार्य करना अौर लिंग दृष्टिकोण से होनेवाली स्थिति पर सलाह देना है. परियोजना के दौरान समय-समय पर मनोरोग संस्थाअों का दौरा करना अौर आयोग को रिपोर्ट करना होगा.

इसके अलावा रिपोर्टर का काम अस्पताल अधिकारियों अौर स्थानीय सरकार के साथ बातचीत करके लंबे समय तक भरती रहनेवाली महिलाअों के लिए आधार कार्ड बनवाना अौर निशक्तता लाभ आदि की जानकारी एकत्रित करना है. साथ ही पुनर्वास अौर लंबी अवधि तक भरती रहनेवाली महिलाअों की छुट्टी करने की योजना की समीक्षा करना व आश्रय गृहों की समीक्षा करना है.

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