इसे लेकर चेंबर ने रांची रेल मंडल के डीआरएम को पत्र लिखा है. चेंबर के महासचिव कुणाल अजमानी ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि रांची से लेकर कोलकाता तक के अधिकारियों को तीन दिनों बाद यह पता चला कि एर्नाकुलम से हटिया आयी ट्रेन की पैंट्रीकार एर्नाकुलम में ही छूट गई है.
जबकि ट्रेन की पैंट्रीकार का कांट्रेक्ट आइआरसीटीसी को दिया गया है. वर्तमान में रेलवे से समन्वय बनाने के लिए आइआरसीटीसी का कोई अधिकारी झारखंड में नहीं है, इस कारण ऐसी परेशानियां आती हैं. चेंबर ने ट्रेनों की बोगियों पर भी चिंता जतायी है. कहा कि रांची डिवीजन में चलनेवाली अधिकांश ट्रेनों की बोगियां काफी पुरानी हैं. इन बोगियों को अपग्रेड करना चाहिए.