रांची : झारखंड की राजधानी रांची स्थित डोरंडा बाजार में रातको पुलिस और प्रशासन को अस्थायी पटाखा दुकान लगाने पर आपत्ति थी. सुबह होते-होते सब मैनेज हो गया. दुकानें जैसी थीं, वैसी ही लगी रहीं. मंगलवार की रात को डोरंडा थाना की पुलिस ने थाना के सामने हर साल लगने वाली पटाखा दुकानों को हटाने का मौखिक फरमान जारी कर दिया. इससे दुकानदार परेशान हो गये.
दुकानदारों ने कहा कि उन्होंने दुकान हटाने के लिए कहने आये पुलिस वालों की मिन्नतें कीं, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी. हालांकि, बुधवार को कोई उन्हें हटाने नहीं आया. सिर्फ रांची नगर निगम के कुछ लोग आये और दुकान को थोड़ा पीछे करने के लिए कहा. लोगों की मानें, तो थाना और नगर निगम को साहू स्टोर्स ने मैनेज किया. डोरंडा बाजार के करीब एक दर्जन दुकानदारों ने साहू स्टोर्स से ही लाखों का माल खरीदा है.
डोरंडा काली पूजा समिति के अध्यक्ष अमित गुप्ता, जिन्होंने यहां एक दुकान लगायी है, ने कहा कि यहां सब छोटे व्यवसायी हैं. वह खुद 12 साल से यहां पटाखों की दुकान लगा रहे हैं. कभी ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पुलिस के कहने के बाद सभी व्यापारी निराश हो गये थे. सभी दुकान हटाने की तैयारी कर रहे थे.
गुप्ता ने बताया कि दुकान हटाने से पहले सभी दुकानदारों ने साहू स्टोर्स के मालिक से बात की. उनसे पूरा माल वापस लेने के लिए कहा. इसके बाद सुबह साहू स्टोर्स के लोग थाने पहुंचे और दुकानदारों से कहा कि वे पटाखा बेचें, उन्हें कोई समस्या नहीं होगी. लोगों ने कर्ज लेकर दुकान लगायी है, ताकि दिवाली में कुछ कमाई हो जाये. लेकिन, उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पटाखा दुकान लगाने वालों ने बाकायदा लाइसेंस ले रखा है. अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिया और अन्य जरूरी मानदंडों को भी पूरा किया. फिर भी बिना किसी कारण दुकान हटाने के लिए कह दिया गया. एक दुकानदार ने कहा कि पटाखा दुकान नहीं लगाने देना था, तो पहले ही इसकी जानकारी दे देते. लोगों ने कर्ज लेकर दुकान लगाया, उनकी तो पूरी पूंजी डूब जायेगी.
दुकानदार ने साहू स्टोर्स के लोगों के थाना आने के बाद दुकान लगाने का आश्वासन दिया, तो सभी दुकानदारों ने राहत की सांस ली. अमित गुप्ता ने तो आगामी वर्षों में पटाखा दुकान लगाने से ही तौबा कर ली है. उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से इस बार पूंजी निकल जाये, अगले साल से दुकान नहीं लगाऊंगा. उन्होंने कहा कि थाना को यह बताना चाहिए था कि पटाखा बेचने से मना क्यों किया गया, जबकि दुकानदारों के पास तमाम जरूरी कागजात थे.
इस संबंध में prabhatkhabar.com ने डोरंडा थाना के प्रभारी आबिद खान से बात की, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अरगोड़ा थाना क्षेत्र में कुछ कार्रवाई की सूचना मिली थी. किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका के चलते उन्होंने थाना के सामने लगने वाले पटाखा बाजार को हटाने का निर्देश दिया.
थाना प्रभारी ने कहा, ‘दुकानदारों ने आग्रह किया कि उनकी दुकानें न हटायी जायें. दुकानदारों ने कर्ज लेकर अस्थायी दुकानें बनायी हैं. यदि दुकानें हटा दी गयीं, तो वे बर्बाद हो जायेंगे. मैंने उनसे कहा कि आपके दुकान लगाने से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह ध्यान रखें कि कोई गड़बड़ी न हो.’