चूहे पी गये सैकड़ों लीटर कैल्सियम

गढ़वा: एक तरफ जहां सरकार श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं विभागीय लापरवाही के कारण पशुओं को देने के लिए आया हुआ लाखों रुपये का कैल्सियम(लिक्विड) बर्बाद हो गया है. गव्य विकास निदेशालय की ओर से करीब छह पूर्व गढ़वा जिले को दो ट्रक में भरकर कैल्सियम (ओस्टो कैल्सियम) दिये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2017 7:31 AM
गढ़वा: एक तरफ जहां सरकार श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं विभागीय लापरवाही के कारण पशुओं को देने के लिए आया हुआ लाखों रुपये का कैल्सियम(लिक्विड) बर्बाद हो गया है. गव्य विकास निदेशालय की ओर से करीब छह पूर्व गढ़वा जिले को दो ट्रक में भरकर कैल्सियम (ओस्टो कैल्सियम) दिये गये थे़ इसे वायफ के माध्यम से दुधारू पशुओं को देने के लिये पशुपालकों को नि:शुल्क उपलब्ध कराना था़, लेकिन यह उपलब्ध नहीं कराया गया, बल्कि रखे-रखे खराब हो गया.

गव्य विकास विभाग सोनपुरवा के नये भवन में सैकड़ों लीटर कैल्सियम को फर्श पर बहता हुआ देखा जा सकता है़ इसकी वजह से फर्श भी खराब हो गया है़ इस संबंध में पशुपालकों ने बताया कि 10-10 लीटर के जार में यह कैल्सियम पशुपालकों को देने के लिये उपलब्ध कराया गया था़ इसकी बाजार कीमत प्रति जार करीब 600-800 रुपये के बीच है़.

विभाग की लापरवाही व उचित देखरेख के अभाव में पैक डब्बा खुलकर जमीन पर बह गया है़ आशंका जतायी जा रही है कि चूहों ने सैकड़ों प्लास्टिक के जारों को कुतर दिया है, जिस वजह से उसमें रखा हुआ लिक्विड कैल्सियम फर्श पर बिखर गया है़ आलम यह है कि इस नये भवन में जाने का रास्ता भी इस वजह से काफी गंदा हो गया है़ उल्लेखनीय है कि नया भवन अभी तक गव्य विकास विभाग को हस्तांतरित नहीं हुआ है़ लेकिन करीब छह महीने पहले एकाध बैठक आदि की गतिविधियां इस भवन में संचालित हुई थीं. इसके बाद से यह बंद पड़ी हुई है़ बंद होने की वजह से इसकी देखरेख भी नहीं हो पायी़.

बुधवार को पशुपालक डॉ मकबूल आलम एवं अन्य कैल्सियम लेने पहुंचे, तो उन्होंने स्थिति देखकर काफी नाराजगी जतायी़ उन्होंने कहा कि उन्हें अब महंगे दामों पर बाजार से कैल्सियम लेना पड़ेगा़ जबकि विभाग से नि:शुल्क कैल्सियम वितरित की जाती है़ इस संबंध में जिला गव्य विकास पदाधिकारी शम्मी कपूर ने बताया कि नया भवन उन्हें हस्तांतरित नहीं हुआ है़ वहां कैल्सियम रखे जाने की जानकारी उन्हें नहीं है़.

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